हनुमानगढ़। गांव धौलीपाल के ग्रामीणों ने जिला कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को गांव में असमाजिक तत्वों द्वारा फैलाई जा रही साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में व उक्त मामले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि बद्रीप्रसाद माली का गांव धोलीपाल में पुश्तैनी वासिन्दा है। तथा उसका परिवार शांति प्रिय एवं सदैव से निर्विवादित रहा है। उन्होने बताया कि इनके पिता स्व. गंगाजल पुत्र गुमानाराम ने ग्राम पंचायत की आबादी भूमि में एक भूखण्ड संख्या ए/बी-1 साईज 75गुणा 150 फीट निलामी आम में 1125/- रूपये में दिनांक 20.03.1985 को खरीद किया था। ग्राम पंचायत धौलीपाल ने निलामी की प्रक्रिया पूर्ण कर इस भूखण्ड का पट्टा दिनांक 29.03.1986 को निष्पादित कर दिनांक 29.03.1986 को उपपंजीयक हनुमानगढ़ के समक्ष पंजीकृत करवाया था। स्व. श्री गंगाजल के देहान्त उपरान्त प्रार्थी एवं उसके भाईयों का परिवार स्व. गंगाजल के जायज वारिसान की हैसियत से उक्त भूखण्ड पर काबिज है तथा इस भूखण्ड को अपनी घरेलू पशुओं की गोबर व खाद तथा बनसटियां आदि डालने के लिए उपयोग व उपभोग में ले रहे हैं तथा इस भूखण्ड पर निर्माण कार्य हेतु तत्कालीन सरपंच से अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिनांक 26.11.2019 को जारी करवाया था। वर्तमान सरपंच ग्राम पंचायत धौलीपाल महावीर सिंह मूंड की बद्रीप्रसाद के परिवार के साथ राजनैतिक प्रतिद्वन्दिता है। तथा इस कारण वे बद्रीप्रसाद के परिवार को सदैव सदोष हानि पहुंचाने के प्रयास में रहते हैं। इस वर्ष माह अप्रैल 2021 में बद्रीप्रसाद एवं उसके भाईयों ने उक्त भूखण्ड पर निर्माण शुरू करने हेतु नींव खोदनी शुरू की व निर्माण सामग्री डालनी प्रारम्भ की तो संरपच महावीर सिहं मूण्ड ने दिनांक 20.04.2021 को एक एकपक्षीय – मनमाना व अनुचित आदेश पारित कर प्रार्थी एवं उसके परिवार का वैध स्वामित्व व कब्जा का अवैध अतिक्रमण होना बयान कर निर्माण कार्य रोक देने का आदेश पारित किया । इस भूखण्ड को कथित रूप से पार्क के लिए आरिक्षत होने का मिथ्या कथन किया ।
बद्रीप्रसाद व उसके भाईयो ने अविलम्ब उक्त आदेश दिनांक 20.4.2021 माननीय अपर जिला कलेक्टर महोदय हनुमानगढ़ के न्यायलय में निगरानी संख्या 19/2021 के अन्तर्गत दिनांक 27.4.2021को चुनौती दी तथा माननीय न्यायलय ने दिनांक 27.4.2021 को स्थगन जारी फरमाया । भूखण्ड संख्या ए/बी – 1 साईज 75 गुणा 150 फीट ग्राम पंचायत द्वारा नीलामी आम में दिनांक 20.3.1985 को विक्रय किया जा चुका था तथा पंचायत अभिलेख में यह भूखण्ड किसी भी सार्वजनिक प्रयोजनार्थ आरक्षित नही था । ग्रामीणों को जानकारी मिली है कि सरपंच एवं सचिव ने परस्पर षडयन्त्र रचकर पंचायत रिकार्ड में कूटरचना कर नक्शा में भूखण्ड संख्या ए/बी-1 पर अब पार्क अंकित किया है, जबकि पंचायत के अन्य किसी अभिलेख में यह भूखण्ड पार्क के रूप में दर्ज नही है। बद्रीप्रसाद के पिता ने नीलामी में आज से 36 वर्ष पूर्व यह भूखण्ड आवासीय भूखण्ड के रूप में क्रय किया है तथा इस नीलामी की कार्यवाही से संबंधित समस्त पत्रावली ग्राम पंचायत धौलीपाल की अभिरक्षा में है जिससे यह स्पष्ट प्रमाणित होगा कि यह भूखण्ड नक्शा व पंचायत अभिलेख में आवासीय भूखण्ड के रूप में ही दर्ज रहा है। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर उक्त मामले कि निष्पक्ष जांच कारवाई जाये तथा दोषी व्यक्तियों के विरूद्व मुकदमा दर्ज किया जाये। इस मौके पर राजेंद्र माली, कालू सिंह राजपूत, देवी लाल सियाग, रामजस ,हंसराज सिरावत, श्याम सुंदर शर्मा, जसवंत नायक ,डॉ सतपाल सिद्धू ,राकेश जांदू ,पिंटू माली, सोहन सुथार सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।
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