किसानों ने चीफ इंजीनियर कार्यालय के आगे लगाया धरना

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-भाखड़ा नहर में रेग्यूलेशन के अनुसार पानी चलाने की मांग
हनुमानगढ़।
 भाखड़ा नहर में तय रेग्यूलेशन के अनुसार सिंचाई पानी चलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सादुलशहर व संगरिया क्षेत्र के किसानों ने पूर्व मंत्री गुरजंट सिंह बराड, भाजपा युवा मोर्चा श्रीगगानगर के जिलाध्यक्ष गुरवीर सिंह़ के नेतृत्व में जल संसाधन विभाग कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान किसानों की सभा भी हुई। इसके बाद मुख्य अभियंता विनोद मित्तल के साथ पहले दौर की हुई वार्ता सिरे नहीं चढ़ी तो किसानों ने मुख्य अभियंता के चैंबर के बाहर ही धरना लगा दिया। मुख्य अभियंता का कहना था कि पंजाब भाग मेें राजस्थान फीडर में दरार आ  गई है। इसलिए सुरक्षा कारणों से अभी नहरों में रेग्यूलेशन के अनुसार पानी नहीं चलाया जा सकता। तय शेयर के अनुसार पानी चलाने में अभी थोड़ा समय लगने की बात कही। वहीं किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। कुछ देर बाद दूसरे दौर की वार्ता शुरू हुई। इसमें पूर्व मंत्री गुरजंट सिंह बराड, भाजपा युवा मोर्चा श्रीगगानगर के जिलाध्यक्ष गुरवीर सिंह़ ने दो टूक में कहा कि जब तक पानी को लेकर हमें ठोस आश्वासन नहीं मिलता, किसान यहां से नहीं उठेंगे। पंजाब के अधिकारियों से दूरभाष पर बात करने के बाद माहौल थोड़ा शांत हुआ। बाद में एडीएम अशोक असीजा चैंबर से बाहर निकले और आंदोलनकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें सात फरवरी से भाखड़ा में ८५० क्यूसेक पानी देने को लेकर आश्वस्त किया।  इसके बाद वक्ताओं ने धरना समाप्त करने की घोषणा की। इससे पूर्व नारेबाजी करते हुए सैंकड़ों किसान सुबह ग्यारह बजे मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे। यहां हुई सभा में  वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार किसान हितों को लेकर गंभीर नहीं है। इसका खमियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। कांग्रेस विधायकों की ओर से रेग्यूलेशन कमेटी की बैठकों में भाग नहीं लेने पर किसानों ने रोष जताया। किसान प्रतिनिधि साहबराम पूनियां ने कहा कि कांग्रेस की सरकार जब आई है, किसानों को नहरी पानी के लिए संघर्ष करना ही पड़ा है। उन्होंने पूर्व मंत्री गुरजंट सिंह बराड़  के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त भी दिक्कतें आई थी, लेकिन मंत्री ने मध्यस्थता करके 13000 क्यूसेक पानी चलवाया था। उन्होंने कहा कि इस बार यही हालात रहे तो नहरबंदी तीन माह नहीं पांच माह की हो जाएगी। इस स्थिति में किसानों की तैयार फसलें खराब हो जाएगी। किसान नेताओं ने तत्काल नहरों की निगरानी बढ़ाकर तय शेयर के अनुसार पानी चलाने की मांग रखी। जिससे किसानों की फसल को पानी मिल सके। किसानों ने चतावनी दी है कि अगर 15 दिवस में उक्त समझौते के तहत पानी नही मिलता है तो किसान जिला कलैक्ट्रैट पर महापड़ाव डालेगे और पानी मिलने पर आन्दोलन समाप्त करेगे। इस मौके पर सुरेन्द्र जाखड़ हरीपुरा, मुसफ अली खान, गुलाब सिंवर, पीटीपी नहर अध्यक्ष भीम सहारण, साहबराम पूनिया, सुरेन्द्र जाखड़ हरीपुरा, सुरेन्द्र जालंधरा, बिन्द्र सिंह सरपंच, बख्तावर सिंह सरपंच, विकास यादव सरपंच, रमनदीप सिद्धु सरपंच, बंता सिंह मानकसर, अवतार सिंह गिल सरपंच, जीवन सिंह सरपंच, खेतपाल सिहाग पन्नीवाला, ईश्वर सहारण, मुसफअली खान, भीम सहारण, रामकुमार सियाग सरपंच, अंकित सहारण सहित अन्य किसान मौजूद थे।

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