ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान हनुमानगढ़ में एफएलसीआरपी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

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हनुमानगढ़। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार के अधीन एवं भारतीय स्टेट बैक द्वारा प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान हनुमानगढ़ में एफएलसीआरपी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसबीआई एफआईएमएम हनुमानगढ़ के सहायक महाप्रबंधक मूलचंद मीणा, विशिष्ट अतिथि मुख्य प्रबंधक हरीराम थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक सी.एस. परमार ने की। समापन कार्यक्रम की शुरूवात अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एसबीआई एफआईएमएम हनुमानगढ़ के सहायक महाप्रबंधक मूलचंद मीणा ने प्रशिक्षार्थियों को व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिये किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, उसकी विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षार्थियों के बैक संबंधी प्रश्नों व समस्याओं का निस्तारण किया। उन्होने बताया कि आरसेटी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेक्ष की महिलाओं को साक्षर कर उनकी कला को सही मागदर्शन देना जिससे वह स्वयं अपना स्वरोजगार कमाकर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर सके। निदेशक सीएस परमार ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण में 14 प्रशिक्षार्थीयों ने भारत सरकार द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिये दिये गये निर्देशों की पालना करते हुए सफल प्रशिक्षण समपन्न करवाया गया। उन्होने बताया कि उक्त प्रशिक्षण के दौरान संस्थान परिसर को सैनेटाईज करवाकर एवं सभी प्रशिक्षार्थीयों को प्रतिदिन सेनेटाईज करवाकर एवं निःशुल्क मास्क एवं युनिफाॅर्म वितरित कर सोशल डिस्टेसिंग की विशेष सावधानी बरतते हुए प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए भारत सरकार के निर्देशानुसार सीमित प्रशिक्षाणार्थियों का बैच चलाया गया है। कार्यक्रम के अंत में एसबीआई एफआईएमएम हनुमानगढ़ के सहायक महाप्रबंधक मूलचंद मीणा सहित अन्य अतिथियों ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र व एफएलसीआरपी के किट वितरित किये व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। ज्ञात रहे कि उक्त किट में सरल व सहज तरीके से ग्रामीण परिवेश के असाक्षर लोगों को बैकिंग संबंधी योजनाओं से अगवत करवाने हेतु विविध प्रकार के पोस्टर एवं रोचक खेल सामग्री किट के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई। संस्था निदेशक सीएस परमार ने प्रशिक्षार्थियों को जीवन में आगे बढने व असक्षम लोगों को आगे बढाने व उन्जे आत्म निर्भर बनने के लिये व्यक्तिव विकास, समय प्रबंधन, समस्या समाधान, उधयमशील व्यक्ति की योग्यता पहचानना, आत्मविश्वास रखना, जोखिम लेना, कार्य में गुणवत्ता के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होने बताया कि भारत सरकार की गाईडलाईन की पालना करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्वक चलाये जा रहे है और जल्द ही आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये वूमेन्स टेलर्स, ब्यूटी पार्लर, साॅफट टाॅयज आदि आरम्भ किये जायेगे, प्रशिक्षण लेने की इच्छुक युवक युवति अपना रजिस्ट्रैशन करवा सकते है। इस मौके पर संस्थान सदस्य अनिल राठौड़, गणेश, दीपक मौजूद थे।

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