दिल्ली: भारत में विकसित 5000 से 5500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम अग्नि-5 का सोमवार को ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से परीक्षण किया गया। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने इस बात की जानकारी दी। ये मिसाइल एटमी हथियार ले जाने में सक्षम है। अग्नि-5 पाकिस्तान, चीन और यूरोप तक निशाना साध सकती है।
क्यों खास है अग्नि मिसाइल?
- 5 हजार किमी तक मार कर सकने में कैपेबल है। 1000 किलो तक वॉरहेड ले जा सकती है।
- अमेरिका को छोड़कर पूरा एशिया, अफ्रीका और यूरोप भारत के दायरे में होगा।
- 17 मीटर लंबी अग्नि-5 का वजन 50 टन है। लॉन्चिंग सिस्टम में कैनस्टर टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया है।
- इसकी वजह से मिसाइल को आसानी से कहीं भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
- सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को आसानी से डिटेक्ट नहीं किया जा सकता।
- मिसाइल की तीन स्टेज हैं। ये सॉलिड फ्यूल से चलती है। कई न्यूक्लियर वॉरहेड एक साथ छोड़े जा सकेंगे। एक बार छोड़ने पर इसे रोका नहीं जा सकेगा।
अबतक भारत के पास ये मिसाइल-
भारतीय सेना के पास अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3 और अग्नि-4 मिसाइल पहले ही मौजूद हैं। भारतीय सेना के पास सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस भी है।इस शृंखला की मिसाइल में अग्नि-1 700 किलोमीटर, अग्नि-2 2000 किमी, अग्नि-3 2500 किमी और अग्नि-4 3500 किमी तक मार कर सकती हैं। भारत ने अग्नि-5 को “शांति का अस्त्र” बताया है। भारत ने अग्नि शृंखला की पहली मिसाइल 1989 में इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) के तहत बनाई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अग्नि-6 का निर्माण अभी आरंभिक चरण में है। अग्नि-6 पनडुब्बी से भी मार करने में सक्षम होगी। माना जा रहा है कि अग्नि-6 8000-10,000 किमी तक मार कर सकेगी।
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