बेंगलुरु: एक छोटे से गांव में रहने वाली 16 साल की स्कूली छात्रा ए जी नमना ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी एक छोटी सी कोशिश ने उसके गांव की किस्मत बदल देगी। नमना बेंगलुरु के चिक्कमंगलुरु जिले के एक छोटे से गांव मुदिगेरे तालुक में रहती है। गांव की बदहाली और दुर्दशा को देखकर नमना पहले भी प्रधानमंत्री को खत लिखने की कोशिश कर चुकी हैं। लेकिन कभी उन तक पहुंचाया नहीं।
अब स्कूल की टीचर्स के प्रोत्साहित करने पर नमना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और अपने गांव का हाल बताया। 35 परिवार और 300 अाबादी वाले इस गांव में बदहाल सड़कें हैं और बड़े अस्पताल नदारद। स्कूल हैं पर उनकी स्थिति ठीक नहीं है। लिहाजा नमना ने अपने गांव की दुर्दशा के मद्देनजर देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और इस ओर कदम उठाने को कहा।
दो महीने तक जब पीएम की ओर से कोई जवाब नहीं आया तो नमना ने उम्मीद छोड़ दी। तभी अचानक नमना और उसके परिवार को एक खबर मिली कि इस मामले में चिक्कामंगलुरु जिला प्रशासन को पीएमओ के निर्देश आए हैं। 16 साल की स्कूली छात्रा नमना की एक छोटी सी कोशिश रंग लाई। गांव के विकास के लिए केंद्र ने 80 लाख रुपये का फंड दिया। इस छोटी सी बच्ची के प्रयास से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है कि जीवन में प्रयास करते रहे कभी ना कभी मंजिल मिल ही जाएगी।
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