खेतों में पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कसी कमर, पराली जलाने पर होनी कानूनी कार्यवाही

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हनुमानगढ। फसल अवशेष प्रबंधन की कार्ययोजना के क्रियान्वयन हेतु शुक्रवार को जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कलेक्टर ने पराली जलाने वाले किसानेे पर सख्त कार्यवाही करने के आदेश दिये। उन्होंने बैठक में कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि फिल्ड स्टॉफ के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक गोष्ठियां आयोजित कर धान की पराली के प्रबंधन हेतु कृषकों को तकनीकी जानकारी प्रदान कर जागरूक करें। जिससे कि धान की पराली जलाने से पर्यावरण तथा भूमि की उर्वरा शक्ति होने वाले नुकसान के बारे में समुचित जानकारी दे। बैठक में जिला कलेक्टर श्री जाकिर हुसैन के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जस्साराम बोस, उपखण्ड अधिकारी श्री कपिल यादव, केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक श्री दीपक कुक्कड़ , जिला गौशाला विकास समिति के अध्यक्ष श्री अभयपाल ऐचरा, हनुमानगढ टा गौशाला के अध्यक्ष श्री मनोहर लाल बंसल, बैंक प्रतिनिधि, राईजो ऑग्रेनिक प्लांट इण्डस्ट्रीयल ऐरिया के प्रतिनिधि श्री बलविन्द्र यादव प्रतिनिधि, संजोग सूगर्स एण्ड इको पावर प्रा0 लि0 बायोमास प्लांट के प्रतिनिधि श्री प्रहलाद झिंझा रतनपुरा उपस्थित रहे।
पराली जलाने पर वसुला जाएगा जुर्माना
जिला कलेक्टर ने जिले के समस्त खेतों की  की सैटेलाईट के जरिये मोनिटरिंग के आदेश दिए। ताकि सैटेलाईन तस्वीरों के जरिए ऐसा करने किसान वाले किसान को पहचाना जा सके। उन्होंने पराली जलाने वाले कृषकों के विरूद्ध सख्ती से कार्यवाही कर जुर्माना वसुलने के आदेश दिए।े जुर्माने के तहत 2 एकड़ (3.30 बीघा) क्षेत्रफल तक 2500/- रूपए, 2 एकड़ (3.20 बीघा) से अधिक 5 एकड़ (8 बीघा) से कम क्षेत्रफल तक 5000/- रूपए तथा 5 एकड़ (8 बीघा) से अधिक क्षेत्रफल में फसल अवशेष जलाने पर 15000/- रूपए तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप मे ंजुर्माना लगाया जाने का प्रावधान है।

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