नशे को लेकर गंभीर स्थिति वाले 272 जिलों में शामिल, जिला स्तरीय कार्यशाला का किया गया आयोजन 

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जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने नशा मुक्त अभियान को लेकर पोस्टर का किया लोकार्पण 
हनुमानगढ़। जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए चिकित्सा, शिक्षा, पुलिस इत्यादि संबंधित विभागों को समग्र रूप से कार्य करना होगा। साथ ही कानूनी प्रावधानों को भी लागू करना होगा तभी हम जिले को नशा मुक्त कर पाएंगे। ये कहना है जिला विधिक सेवा प्राधिकऱण के सचिव एडीजे विजय प्रकाश सोनी का जो नशा मुक्त अभियान के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग की ओर से बुधवार को जिला परिषद में आयोजित की गई जिला स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला में मनोचिकित्सक डॉ ओपी सोलंकी ने कहा कि जिले में 10 साल पहले नशा छुड़ाने के लिए डॉक्टर्स के पास 20 से 40 वर्ष के लोग ही आते थे, अब 10 से 20 वर्ष के बालकों को नशा छुड़ाने के लिए लाया जा रहा है। बालकों में मेडिकेटेड नशे की लत बढ़ती ही जा रही है।  जिले में नशे की स्थिति को बयां करने वाली ये स्थिति काफी गंभीर है। डॉ सोलंकी ने कहा कि बच्चे घर के ही बड़े बुजुर्गों से सीख कर ही नशा कर रहे हैं लिहाजा सबसे पहले तो हमें घर में जो भी बड़े बुढ़े नशा कर रहे हैं उन्हें नशा छोड़ना होगा। कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएश्नल एसपी श्री जस्साराम बोस ने कहा कि नशा छोड़ना खुद की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। उन्होने कहा कि वे खुद पहले सिगरेट पीते थे। लेकिन वर्ष 2002 में उदयपुर में पोस्टिंग के दौरन सिगरेट छोड़ने का संकल्प लिया और इच्छा शक्ति से सिगरेट हमेशा के लिए छोड़ दी। उसके बाद सिगरेट के हाथ ही नहीं लगाया।  इससे पहले जिला कलक्ट्रेट में जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत पोस्टर का विमोचन किया।
                                 पीएमओ डॉ एमपी शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल में नशा छुड़ाने को लेकर परामर्श केन्द्र चल रहा है। यहां कोई भी आकर नशे छोड़ने को लेकर मनोचिकित्सक से परामर्श ले सकता है। अपना ईलाज करवा सकता है। सीएमएचओ डॉ अरूण चमड़िया ने कहा कि जिले में हाल ही में जो नए स्वास्थ्य मित्र आए हैं उनको भी नशा मुक्त अभियान के जरिए जागरूक किया जाएगा। जन जन तक नशा मुक्ति का संदेश पहुंचाया जाएगा। बीडीओ श्री राधेराम रेवाड़ ने कहा कि बोर्डर एरिया में नशा बहुत गंभीर स्थिति में है। वहां इसे रोकने के भरसक प्रयास किए जाने चाहिए।  समाज कल्याण अधिकारी डॉ अभिषेक ने बताया कि जिले में नशे की समस्या बड़ी गंभीर है । समग्र प्रयास करने जरूरी है। सब मिलकर ही कार्य कर सकते हैं। जिला आबकारी, चिकित्सा, शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। सभी स्कूल कॉलेज को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए। पूरे वर्ष अभियान के रूप में लाया जाएगा। उन्होने बतााया कि नशा मुक्ति को लेकर 15 अगस्त को जो रथ रवाना किया गया था वह 50 गांवों में अब तक जा चुका है। डॉ अभिषेक ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान देश के उन 272 जिलों में 15 अगस्त से शुरू किया गया है। जहां नशे को लेकर स्थिति गंभीर है। इसमें हनुमानगढ़ जिला भी शामिल है। कार्यक्रम के तहत 21 से 25 अगस्त तक उपखंड स्तर और 27 अगस्त से 29 सितंबर तक ग्राम पंचायत स्तर तक नशा मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ब्लॉक स्तर पर कमेटियों का भी गठन किया जाएगा। अब प्रति माह जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

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