मवेशियों के कुछ इलाज का सपना साकार

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शाहपुरा-बनेड़ा उपखंड क्षेत्र के उपरेडा आम जनता की आवाज मंसूरी उपरेडा ने बताया की ग्राम पंचायत मुख्यालय उपरेडा में वर्ष 1985 में पालतू मवेशियों के लिए पशु उप केंद्र संचालित हुआ था लेकिन यहां पालतू मवेशियों के कुछ इलाज के लिए उचित चिकित्सा सेवा का अभाव है गंभीर बीमारी में किसानों और पशुपालकों को अपने पालतू मवेशी गाय भेड़ बकरी और घोड़े व अन्य पालतू मवेशियों गंभीर इलाज नहीं होने से अत्यधिक गंभीर बीमार होने पर उपरेडा से 25 किलोमीटर दूर शाहपुरा 15 किलोमीटर दूर बनेड़ा 22 किलोमीटर दूर रायला ले जाना पड़ता है जो कि बीमार और पालतू मवेशी के लिए संभव नहीं है गरीब की शान और पशुपालकों के लिए गंभीर समस्या है उपरेडा ग्राम पंचायत में उपरेडा के खातण खेड़ी नवला का खेड़ा प्रतापपुरा एवं जवाहर नगर उपरेडा में लगभग 7 से 8 हजार पालतू मवेशी और पशुधन है साथ ही साथ उपरेडा के आसपास 3 से 8 किलोमीटर की परिधि में लगभग 10 ग्राम पंचायत हैं जिनमें 50 से 60 गांव ढाणी खेड़े और बज रहे हैं इनमें लगभग 70000 पालतू मवेशियों पशुधन है उपरेडा में पशु केंद्र के प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय की आवश्यकता है यह चार कस्बा रायला शाहपुरा बनेड़ा और डाबला गांव के बीच परिधि में उपरेडा स्थित है ऐसे में गंभीर बीमारी में उच्च इलाज के अभाव में प्रतिवर्ष क्षेत्र में हजारों की तादाद में पालतू मवेशी असमय काल ग्रास हो जाते हैं किसानों की आजीविका एवं पशुपालकों की आजीविका का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन यही मुख्य व्यवसाय है उपरेडा के स्थानीय पशु उप केंद्र को प्रथम श्रेणी में क्रमोन्नत कराने की दरकार है

इस कड़ी में क्षेत्रवासियों और आसपास की लगभग 8 से 10 ग्राम पंचायतों के आम जनता द्वारा उपरेडा के पशु उपकेंद्र को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नत कराने के लिए पिछले 10 से 12 वर्ष से लिखित में मांग पशुपालन विभाग भीलवाड़ा एवं जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार को पहुंचाई है इसी कड़ी में 181 राज्य संपर्क सीएम हेल्पलाइन और पीएम पोर्टल एवं जिला कलेक्टर महोदय की प्रत्येक महीने की जनसुनवाई मैं हजारों पत्राचार क्षेत्रवासियों द्वारा प्रेषित किए गए इसी कड़ी में वासियों द्वारा पिछले 10 से 12 वर्ष से राजस्थान विधानसभा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक शाहपुरा बनेड़ा एवं उपखंड अधिकारी बनेड़ा जिला कलेक्टर भीलवाड़ा सांसद भीलवाड़ा मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला भीलवाड़ा एवं उपनिदेशक पशुपालन विभाग भीलवाड़ा संभागीय आयुक्त अजमेर एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं विधानसभा अध्यक्ष राजस्थान सरकार जयपुर मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार जयपुर मुख्य सचिव राजस्थान सरकार जयपुर निदेशक महोदय पशुपालन निदेशालय जयपुर को भी इस और ध्यान आकर्षित करके पत्राचार भिजवाई जा चुके हैं लेकिन आज दिन तक पशुपालकों की समस्या का समाधान नहीं हुआ इस कड़ी में क्षेत्रवासी पशुपालन विभाग उपनिदेशक भीलवाड़ा एवं निदेशक पशुपालन विभाग राजस्थान सरकार जयपुर से भी व्यक्ति रूप से जाकर मिल चुके हैं दर्जनों बार पशुपालन विभाग के चक्कर पशुपालन विभाग के चक्कर काटने आज दिन तक समस्या का समाधान नहीं हुआ ऐसे में क्षेत्र की बीमार मवेशियों का रखवाला कौन है और उनको जीवन दान देने वाला कौन है बिन मुख पालतू मवेशी के जीवन का कब उजाला होगा और कब उनका पशुपालन विभाग का चिकित्सालय कर अमानत होगा और कब उनके लिए सूरज उगेगा यह तो भगवान ही जानता है बिन मुख प्राणियों की समस्या कब पूरी होगी और कब उनको बीमारी के दौरान संजीवनी मिलेगी यह तो पशुपालन विभाग भीलवाड़ा एवं पशुपालन निदेशालय जयपुर एवं राजस्थान सरकार ही जानती है या भगवान ही इसका मालिक है उक्त प्रकरण में मुबारक मंसूरी उपरेडा ने जानकारी देते हुए बताया कि सैकड़ों पत्राचार विभाग द्वारा मिल चुके हैं लेकिन उनमें किसी ने किसी बात पर टालमटोल कर के जो आप भेज दिया जाता है और कागजों की इतिश्री कर दी जाती है क्षेत्रवासियों की पीड़ा और बीमार मवेशियों को उचित इलाज के लिए उपरेडा में पशु उप केंद्र को प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय में क्रमोन्नति करवा कर क्षेत्र वासियों को और मवेशियों को राहत दिलाए तब जाकर क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और सच्चे अर्थों में ग्रामीण भारत का सपना साकार होगा।

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