शाहपुरा-केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति देश का भाग्य बदलने वाली साबित होगी । नई शिक्षा नीति में बालक को अपनी मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा मिले ऐसा प्रावधान किया गया । जिससे लुप्त हो रही कई स्थानीय भाषाएं फिर से खड़ी हो सकेगी । साथ ही नई शिक्षा नीति में संस्कृत भाषा का भी प्रावधान किया गया है । यह बात चित्तौड़ प्रांत द्वारा आयोजित एक दिवसीय ई संगोष्ठी में नई शिक्षा नीति व संस्कृत भाषा विषय पर बोलते हुए पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी ने कहीं । देवनानी ने कहा संस्कृत राष्ट्र का गौरव है और संस्कृत भारती संस्कृत के पुनरुत्थान के लिए लगी हुई है । भारत सरकार भी संस्कृत भाषा को सांस्कृतिक राष्ट्र का गौरव मानती है । माननीय प्रधानमंत्री जी ने राफेल का स्वागत भी संस्कृत के ट्वीट से किया । इस अवसर पर देवनानी ने संस्कृत भारती की प्रशंसा करते हुए कहा की भाषा के क्षेत्र में संस्कृत भारती विश्व का सबसे बड़ा संगठन है जो भारत की आत्मा को फिर से घर-घर तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं । निश्चित रूप से संस्कृत भारती का संस्कृत भाषा रूपी यज्ञ अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा । कार्यक्रम को अखिल भारतीय महामंत्री श्रीशदेव पुजारी ने भी संबोधित करते हुए कहा है कि भारतीयों में यदि संस्कारों को जीवित रखना है तो संस्कृत को अपनाना होगा । संस्कृत से ही संस्कार और संस्कारों से ही संस्कृति का निर्माण होता है । जर्मनी जैसा देश संस्कृत की महान पुस्तकों को पढ़कर नई नई खोजों में लगा हुआ है ।
दुनिया के कई देशों में राष्ट्रपति शपथ लेने से पहले वैदिक मंत्रोचार तक करवाने लगे हैं । नासा के वैज्ञानिक भी बिना संस्कृत के ज्ञान के अभाव में अधूरे हैं । प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या ने बताया कि संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के तीसरे दिन संस्कृत ई संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें नई शिक्षा नीति व संस्कृत भाषा विषय पर चर्चा की गई । साथ ही संस्कृत भारती निरंतर ऑनलाइन माध्यम से अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है । विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ ध्येय मंत्र से हुआ । ध्येय मंत्र कोटा की निहारिका बच्चन ने बोला । काव्यगीत बूंदी से सरिता राठौड़ ने गाया । धन्यवाद ज्ञापित प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा ने किया । कार्यक्रम में प्रांत मंत्री राजेंद्र शर्मा, ललित नामा, प्रांत प्रचार प्रमुख यज्ञ आमेटा, रेखा सिसोदिया, संगोष्ठी प्रमुख हिम्मत सिंह चौहान, अजमेर विभाग संयोजक आशुतोष पारीक, हिमांशु भट्ट, भीलवाड़ा विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत, शाहपुरा जिला संयोजक भगवान लाल गोस्वामी, दुष्यंत कुमावत, रेखा शर्मा, पवन कुमार शर्मा, तरुण मित्तल, संजय सनाढ्य, योगेंद्र कुमार गौतम आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
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