पेट्रोल व डीजल के लगातार बढते दामों के विरोध में जिला कलक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन

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हनुमानगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार एव राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आदेशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी की और से केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल के लगातार बढते दामों के विरोध में सोमवार 29 जून 2020 को प्रातः 11 बजे जिला कलक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार के विरूद्ध रोष प्रकट करते हुए महासचिव व जिला कांग्रेस कमेटी के सेवादल सुरेन्द्र गोंद ने कहा कि लॉकडाऊन के पिछले तीन माह के दौरान पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले केंद्रीय उत्पाद शुल्क और कीमतों में बार-बार की गई बढ़ोत्तरी ने भारत के नागरिकों को असीम पीड़ा व परेशानियां दी हैं। जहां एक तरफ देश स्वास्थ्य व आर्थिक महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल व डीजल की कीमतों और उस पर लगने वाले उत्पाद शुल्क को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में मुनाफाखोरी कर रही है। मई, 2014 में (जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी), पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रु. प्रति लीटर एवं डीजल पर 3.46 रु. प्रति लीटर था। पिछले छः सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 23.78 रु. प्रति लीटर एवं डीजल पर 28.37 रु. प्रति लीटर की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी कर दी है। चौंकाने वाली बात है कि पिछले छः सालों में भाजपा सरकार द्वारा डीजल के उत्पाद शुल्क में 820 प्रतिशत तथा पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 258 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
केवल पेट्रोल व डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में बार-बार वृद्धि करके मोदी सरकार ने पिछले छः सालों में 18,00,000 करोड़ रु. कमा लिए। 5 मार्च, 2020 को पेट्रोल व डीजल के मूल्य में 3 रु. प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। 5 मई, 2020 को मोदी सरकार ने डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 13 रु. प्रति लीटर और पेट्रोल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में 10 रु. प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की। 7 जून, 2020 से लेकर 24 जून, 2020 तक निष्ठुर मोदी सरकार ने 18 दिनों तक पेट्रोल व डीजल के मूल्य लगातार बढ़ाए, जिससे डीजल का मूल्य 10.48 रु. प्रति लीटर एवं पेट्रोल का मूल्य 8.50 रु. प्रति लीटर बढ़ गया। भाजपा सरकार ने डीजल पर मूल्य और उत्पाद शुल्क 26.48 रु. प्रति लीटर व पेट्रोल पर 21.50 रु. प्रति लीटर बढ़ा दिया। 24 जून, 2020 को कच्चे तेल का अंतर्राष्ट्रीय भाव 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो डॉलर-रुपए भाव के अनुसार 3288.71 रुपए प्रति बैरल बनता है।
एक बैरल में 159 लीटर होते हैं। इसलिए 24 जून, 2020 को कच्चे तेल का प्रति लीटर भाव 20.68 रु. बनता है। इसके विपरीत, पेट्रोल-डीजल के मूल्य आसमान छूकर 80 रु. प्रति लीटर पहुंच गए हैं, जिससे साबित होता है कि मोदी सरकार भारत के भोले भाले नागरिकों की जेब पर डाका डालकर उन्हें खसोट रही है। इस बात पर भी ध्यान दें कि जब कांग्रेस की यूपीए सरकार केंद्र में सत्ताधीन थी, तो कच्चे तेल का दाम 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जो 24 जून, 2020 को गिरकर 43.41 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया, यानि इसके मूल्य में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट हुई।
इसके बावजूद भाजपा सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं। मोदी सरकार द्वारा भारत के नागरिकों से की जा रही जबरन वसूली एकदम स्पष्ट परिलक्षित हो रही है। धरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग एव कोरोना के सम्बंध में सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन की पूर्णतः पालना की गई। इस कार्यक्रम में जिला महासचिव सुरेन्द्र गोंद, नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल, कृष्ण जैन, राजेन्द्र वेद्य, मनोज मूंड, श्रीराम बेनीवाल,  दयाराम जाखड़, भीम सेन गोदारा, जगदीश मेघवाल पूर्व प्रधान, अनिल भोबिया प्रवक्ता, गुरमीत सिह चदंड़ा, रमेश भाम्भू, जयपाल झोरड़ा, हंसराज वर्मा, तरूण विजय, सुरजभान भोबिया, राजेश डोडा, गुरदीप सिह चहल, धनपत वाल्मिकी, आशिष बिश्नोई, रेशम सिह माणुका, बलराज सिह, बदरी सिराव, किशन लाल सांखला, सुरेश कुमार सारस्वत, स्वर्णदीप सिह, हरप्रीत सिह बलजोत, भीमसेन, रणवीर सिहाग, कृष्ण कुमार झाझड़ीया, प्रदीप कुमार, सुमित रिणवां, मुकेश भार्गव, सौरभ राठोड़, अब्दूल हाफीज, विजेन्द्र साई, विकास रागड़, बीमल पारिक, हरप्रीत सिह ढिल्लों, मनीष बब्बर, प्रदीप भागनानी, उत्तम, जोतराम दुधवाल, रणवीर सिहाग,रतन कामरा, मोहनसिह ढिल्लो, आदि कांग्रेसजन उपस्थित थे।
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