रिलायंस फाउंडेशन ने महिला बचत समूहों के सदस्यों को आजीविका विकास के लिए बकरी पालन के उन्न्त तरीको व उन्नत नस्ल सुधार पर किया जागरूक।

0
332
रिलायंस फाउंडेशन द्वारा तलवाड़ा ब्लॉक में संचालित में संचालित महिला बचत समहू की महिलाओ को कोविड -19 में अपनी आजीविका में बढ़ोतरी के लिए पशुपालन के उन्नत तरीको ओर उन्नत किस्म प्रवंधन पे जागरूक किया ताकि पशुपालक पशुओ को मौसमी वीमारी से बचा ओर उन्नत किस्म प्रवन्ध से इस महामारी के समय में अपनी आजीविका में बढ़ोतरी कर सके
रिलायंस फाउंडेशन के टीम लीडर जितेन्द्र चौधरी ने महिलाओं को खेती के साथ साथ पशुपालन को उन्नत तरीको से अपनी आमदनी में बढ़ोतरी करने के लिए प्रेरित किया साथ है हीपर इंटरनेशनल संस्था के प्रतिनिधि दिनेश नायक व संदीप जानावत ने बीमारी से वचाव, संतुलित आहार एबम उत्पादन बढ़ाने की तकनिकी जानकारी देकर जागरूक किया। उन्होंने
मशाला ईट महिलाओ को बताया कि पशु की अच्छी देख-रेख हेतू सबसे उपयोगी व कारगर वस्तु मसाला ईट है जो हम आसानी से घर पर बनाकर और बकरियों को दें ताकि वो अच्छे से चारा पानी खाएं । इससे दूध और प्रजनन की क्षमता बढती है।
टीकाकरण व स्वच्छ घर बाड़ा इस पर बताया कि अच्छे पशु पालन हेतू हमें समय पर टीकाकरण तथा स्वच्छ घरबाड़ा रखने की जरूरत है । तथा मवेशियों को अलग-अलग बांधे ताकी बीमार होने पर एक दूसरे से संक्रमण नहीं फैले । और बकरियों में अक्सर यह होता है।
नस्ल सुधार नस्ल सुधार हेतू बताया की जिनके पास 5 या उससे अघिक बकरिया है उन्हे अच्छी नस्ल का बकरा रखना चाहिए तथा जिनके पास कम है वो सदस्य ग्रुप में भी रख सकते है। ताकी अच्छी नस्ल अपनी परम्परागत नष्ल से ही इम्प्रू हो सके।
साथ ही महिला बचत समूह को छाेटी छोटी बचत का माध्यम से बकरी पालन को आजीविका विकास से जोडकर तथा एक-दूसरे की सहायता करने को, लेकर जागरूक किया गया। उन्होंने बकरी के दूध का महत्व, पोषक मूल्यों और, विभिन्न रोग, साथ ही इसके पालन-पोषण, आवास, पोषण आपूर्ति और इसकी खेती को अन्य पालतू जानवरों की तुलना में कम लागत को एक महवत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कोविद -19 के दौरान बकरी पालन और कृषि पर आधारित व्यवसाय कैसे शुरू किया जा सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा कर बकरी पालन जानकारी दी ।
कार्यक्रम के अन्त में माहिलाओं द्वारा प्रशनोतरी द्वारा इसे और भी रोचक बना दिया। उन्होने मौसमी बीमारी सम्बधित समस्या व सुधार, बकरी में पोषण संतुलन और इसके टीकों के बारे में बारे जानकारी प्राप्त की गई।
आप पञ्चदूत को सोशल नेटवर्किंग साइट्स फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकते हैं।