राजस्थान: गुर्जर आरक्षण पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, SBC कानून को असंवैधानिक बताते हुए किया रद्द

0
552

जयपुर: राजस्थान में गुर्जर आरक्षण मामले को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने गुर्जरों को आरक्षण का प्रावधान किये जाने के लिए बनाये गए एसबीसी आरक्षण कानून को रद्द करने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने गुर्जरों सहित पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए साल 2015 में एसबीसी आरक्षण कानून बनाया था।  गुरुवार को जस्टिस मनीष भंडारी की बेंच में हुई सुनवाई में अदालत ने इस कानून और इसके लिए जारी की गई अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया।

राजस्थान सरकार ने गुर्जरों को पहली बार साल 2008 में एसबीसी की अलग से श्रेणी बनाते हुए 5 प्रतिशत का आरक्षण दिया था।  इससे राज्य में कुल आरक्षण 49 से बढ़कर 54 प्रतिशत हो गया था।  इसके बाद 2009 में हाईकोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी।

साल 2010 में हाईकोर्ट ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को आरक्षण पर पुर्नविचार के निर्देश दिए और फिर साल 2012 में पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुर्जरों सहित पांच अन्य जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग में माना व 5 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की। इसपर सरकार ने एसबीसी श्रेणी में गुर्जरों सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर दी।

जनवरी 2013 में हाईकोर्ट ने फिर से 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी। 2015 में सरकार ने विशेष पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए नया कानून बनाया और पारित करवाकर लागू कर दिया।

इसी नए कानून को कैप्टन गुरविंदर सिंह व समता आंदोलन समिति ने चुनौती दी है। इसमें कहा है संविधान के अनुसार आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन नहीं हो सकता। यह सीमा शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पर भी लागू होती है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्ययन रिपोर्ट पहले से ही सोची समझी थी। जबकि हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर,2010 के आदेश में संपूर्ण आरक्षण व्यवस्था का रिव्यू करने को कहा था।

ये भी पढ़े: