नोटबंदी के बाद: प. बंगाल में मालिक ने बंद की मिल, एक झटके में बेकार हुए 2500 मजदूर

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नोटबंदी के बाद पश्चिम बंगाल में जूट की एक मिल अस्थाई तौर पर बंद हो गई है। उसके बंद होने की वजह कर्मचारियों को वेतन का भुगतान ना कर पाना बताया जा रहा है। इस फैसले की वजह से मिल में काम करने वाले 2500 मजदूर अचानक बेराजगार हो गए हैं। उस मिल का नाम श्री हनुमान जूट मिल्स है। खबर के मुताबिक सोमवार (5 दिसंबर) की रात को नोटिस लगाकर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और मिल के अस्थाई रूप से बंद होने का ऐलान किया।

उसी दिन राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उसके फैसले की वजह से पश्चिम बंगाल को पांच हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। नोटिस में लिखा गया था, ‘बेहद दुख के साथ मैनेजमेंट अपने कर्मचारियों, ट्रेड यूनियनों को इस बात की जानकारी दे रही है कि 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो जाने की वजह से कर्मचारियों का पैमेंट करने में देरी हो रही है।

इस वजह से यहां का माहौल बिगड़ा हुआ है। हर शिफ्ट में लड़ाई और हंगामा हो रहा है। इस वजह से मैनेजमेंट ने यह फैसला किया है कि मिल को 5.12.2016 से अगले नोटिस के आने तक के लिए बंद रखा जाएगा।’ वह मिल हावाड़ा जिले में पड़ती है जो कि कोलकाता से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर है। कर्मचारियों को पैसा नोटबंदी की वजह से रुके हुए काम के टालने की वजह से नहीं हो पा रहा।

खबरों के मुताबिक, कई छोटे बिजनेस घाटे की तरफ बढ़ रहे हैं और कई तो बंद हो गए हैं। हावड़ा शहर के कोप्रोरेशन मिनिस्टर और टीएमसी अध्यक्ष अरूप राय ने कहा, ‘कई बिजनेस बंद हो चुके हैं और यह तबतक जारी रहेगा जबतक नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाता। ‘इससे पहले हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में छापा था कि नोटबंदी के फैसले से तकरीबन 2.5 लाख लोग प्रभावित होंगे जो जूट मिल में काम करते हैं। उनमें से लगभग 95 प्रतिशत लोगों को दिहाड़ी कैश में मिलती थी।