7 महीने बाद रिहा होंगे उमर अब्दुल्ला, इस वजह के कारण अबतक थे नजरबंद

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श्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला (omar abdullah) की नजरबंदी खत्‍म हो गई है। वह पिछले साल 5 अगस्‍त 2019 से नजरबंद थे। सात महीने बाद उन पर लगाया गया पब्लिक सेफ्टी एक्‍ट हटा लिया गया है। सरकार ने उनकी रिहाई के आदेश दिए हैं। इससे पहले 13 मार्च को उनके पिता फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी हटाने का फैसला किया गया था।

वहीं सरकार के आदेश पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कहा कि हम उमर अब्दुल्ला को नजरबंदी से रिहा करने का स्वागत करते हैं और सरकार से महबूबा मुफ्ती और उनके अन्य सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की अपील की है।

SC में पहुंचीं थी बहन सारा
इसी महीने उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि अगले सप्ताह तक बताएं कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं? साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे।

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बता दें पिछले साल 5 अगस्तर को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्ज को समाप्त कर दिया था। राज्य का दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। 5 अगस्त को ही राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती को नजरबंद कर दिया गया था। 16 सितंबर, 2019 को सांसद और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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