कोरोना महामारी के बीच अंतरिक्ष से आ रहा है बड़ा खतरा, NASA वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता

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दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोनावायरस से अभी जंग चल ही रही है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने जानकारी दी है कि धरती की तरफ बड़ी तेजी से एक बड़ा एस्टेरॉयड (उल्का पिंड) तेजी से आ रहा है। बताया जा रहा है कि यह एस्टेरॉयड धरती के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट एवरेस्ट से भी कई गुना बड़ा है। इस एस्टेरॉयड का को 52768 (1998 OR 2) नाम दिया गया है। नासा का अनुमान है कि यह एस्टेरॉयड 29 अप्रैल को धरती के पास से गुजरेगा।

नासा के मुताबिक उन्होंने ये इस उल्का पिंड को सबसे पहले साल 1998 में देखा था। इसका व्यास करीब 4 किलोमीटर का है। इस, एस्टेरॉयड की स्पीड 31,319 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यानी करीब 8.72 किलोमीटर प्रति सेंकड. इतनी गति से यह अगर धरती के किसी हिस्से में टकराएगा तो बड़ी सुनामी ला सकता है या फिर कई देश बर्बाद कर सकता है।

इस खबर पर हालांकि, नासा का कहना है कि इस एस्टेरॉयड से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह धरती से करीब 64 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। अंतरिक्ष विज्ञान में यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं मानी जाती लेकिन कम भी नहीं है। कुछ वैज्ञानिकों ने इसके धरती से टकराने की भी आशंका जताई है।

इस बारे में अंतरिक्ष विज्ञानी डॉक्टर स्टीवन प्राव्दो ने बताया कि उल्का पिंड 52768 सूरज का एक चक्कर लगाने में 1,340 दिन या 3.7 वर्ष लेता है। खगोलविदों के मुताबिक ऐसे एस्टेरॉयड का हर 100 साल में धरती से टकराने की 50,000 संभावनाएं होती हैं. लेकिन, किसी न किसी तरीके से ये पृथ्वी के किनारे से निकल जाते हैं।

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