अगर आप हिन्दीभाषी क्षेत्र छोड़ तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश या महाराष्ट्र जा रहे हैं, जहां हिन्दी कम बोली जाती है। तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं। वहां जाकर आप आसानी से किसी सूचना, बोर्ड पोस्टर आदि को हिन्दी में आसानी से पढ़ सकते हैं।
गूगल फॉर इंडिया (Google for India 2019) ने गुरुवार से ‘गूगल लेंस’ (Google Lens) एप में यह सुविधा देनी शुरू कर दी है कि आप किसी भी भारतीय भाषा में लिखे शब्द और वाक्यों या शब्दों को मलयालम, तमिल, तेलुगु और मराठी में पढ़ सकते हैं।
‘गूगल लेंस’ एप के जरिए आप कैमरे को जहां फोकस करेंगे, वहां तमिल, मलयालम, मराठी या अन्य भाषा में जो भी लिखा है वह आपको हिंदी में उसी रंग, उसी आकार के अक्षरों में नजर आएगा। यदि आप चाहते हैं कि वह आपको बोलकर सुनाए कि क्या लिखा है, तो ऐसा भी हो सकेगा।
इवेंट में गूगल लेंस को अपग्रेडेड वर्जन को पेश किया गया है। गूगल लेंस अब तीन भारतीय भाषाओं को सपोर्ट करेगा। Google Lens की खास बात ये होगी कि इसमें आप किसी अन्य लैंग्वेज के बोर्ड को स्कैन करके अपने लैंग्वेज में कन्वर्ट कर सकेंगे। गूगल के अधिकारी ने बताया कि यह एप पहले से उपलब्ध है, लेकिन अभी तक अंग्रेजी में इसके नतीजे आते थे और इसका सबसे ज्यादा इसका उपयोग भारतीय छात्र अपना होमवर्क पूरा करने के लिए कर रहे थे।
इवेंट हाईलाइट्स-
- भारत में 1,200 से ज्यादा यू़ट्ब क्रिएटर्स हैं जिसके 1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं।
- BHIM UPI का इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड से ज्यादा होने लगा है।
- Google WiFi को 400 से ज्यादा स्टेशन्स और 4,000 से ज्यादा जगहों पर इंस्टॉल किए गए हैं।
- इंटरनेट साथी के जरिए 80 हजार से साथी ट्रेन किए गए और 3 लाख से ज्यादा गावों में पहुंचा गया।
- AI में हिंदी का इस्तेमाल 10 गुना तक बढ़ा।
- AI फीचर को और ज्यादा पर्सनलाइज्ड किया गया, 3 नए क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल किया गया।
- Discover टैब में अंग्रेजी और हिंदी के अलावा 7 नए भाषाओं को जोड़ा गया।
- भारतीय भाषाओं में कंटेंट सर्च 20 गुना तक बढ़ी है
- Google Lens में हिंदी, तमिल, तेलुगू और मराठी भाषाओं को जोड़ा गया।Google Bolo ऐप के जरिए आप अपनी आवाज के जरिए कई चीजें सीख सकेंगे।
- यह ऐप ऑफलाइन यानी कि बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। इसमें हिंदी के अलावा 5 अन्य भारतीय भाषाओं का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें बंगाली, मराठी, तमिल, तेलुगू और उर्दू शामिल है।
- इस ऐप के जरिए 8 लाख से ज्यादा बच्चे, 28 हजार से ज्यादा शहरों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसमें 3 मिलियन से ज्यादा कहानियां सुनी जा सकेंगी।