बीफ डिलीवरी को लेकर नए विवाद में फंसा Zomato, जानिए क्या पूरा मामला?

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सोशल मीडिया से: ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो (Zomato) एक बार फिर विवाद में है। इस बार विवाद कंपनी के कर्मचारियों का है। जोमैटो (Zomato) के डिलीवरी कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी उन्हें ऐसे खाने की डिलीवरी करा रही है, जिससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। वे इस वजह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है।

डिलीवरी स्टाफ का आरोप है कि उनसे बीफ और पोर्क का डिलीवरी कराया जा रहा है, जो उनकी इच्छा के खिलाफ है। स्टाफ ने कहा है कि कंपनी उनकी मांगों को नहीं सुन रही है और उनकी इच्छा के विरुद्ध बीफ और पोर्क डिलीवर करने के लिए मजबूर कर रही है। इसको लेकर वे एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं।

डिलीवरी स्टाफ का कहना है कि उनकी मांगों से कंपनी अवगत है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं जा रही है। जिसकारण कंपनी में काम करने वाले हिंदू-मुस्लिम भाईयों की भावनाएं आहत होती है। डिलीवरी स्टाफ का कहना है कि उनकी दो मांगें हैं। उनकी पहली मांग यह है कि कंपनी इनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करे। इसके अलावा उन्होंने अपनी तनख्वाह भी बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ मेडिकल सुविधा भी दी जाए।

आपको बता दें, सोशल मीडिया पर ये विवाद तेजी से वायरल हो रहा है। #ZomatoUninstalled हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने में लगा है। ये मामला कोलकाता का बताया जा रहा है। ममता बनर्जी सरकार में मंत्री राजीब बनर्जी ने इसे लेकर कहा कि संगठन को किसी भी व्यक्ति को अपने धर्म के खिलाफ जाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। यह गलत है। अब जब मुझे इस संबंध में जानकारी मिली है, तो मैं इस मामले को देखूंगा।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों हिंदू द्वारा मुस्लिम डिलवरी बॉय का ऑर्डर कैसिंल को लेकर मामला सामना आएगा था। जिसपर जोमैटो ने ट्वीट कर लिखा ‘खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।  जिसकी प्रशंसा सोशल मीडिया पर खूब की गई थी। यह मामला कई दिनों तक बहस का मुद्दा बना रहा।

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