रविवार सुबह तीन बजे इंदौर-पटना एक्सप्रेस के कानपुर के पुखरायां में 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस भयानक हादसे में अबतक 133 लोगों की मौत की सूचना है जबकि 150 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। आपको बता दें ये आंकड़ा अभी और बढ़ सकने की आशंका है।
कोच की हालत विचलित करने वाली-
ट्रेन के कुछ डिब्बे हादसे से कम प्रभावित हुए लेकिन उसके अंदर के दृश्य विचलित करने वाले थे। सुबह करीब तीन बजे हादसे के बाद यात्रियों के दहशत में इधर उधर भागने से चादरें, कंबल, तकिए, खाना, सूटकेस, बैग आदि बिखरे हुए थे।
ट्रेन के बाहर 17 साल की एक लड़की अपने भाई को खोजने का प्रयास कर रही थी। दोनों भोपाल में एक तैराकी प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के बाद पटना लौट रहे थे। उनके साथ उनकी मां भी थीं। इस दर्दनाक माहौल में कुछ साहसी कहानियां भी सुनने को मिल रही थीं कि किस प्रकार एक बचावकर्मी ने पांच यात्रियों को जिंदा बाहर निकाला।
इस व्यक्ति की सुन ली होती तो टल सकता था हादसा-
रेलवे के अफसर ने S2 कोच में सफर कर रहे प्रकाश शर्मा की बात को मान लिया होता। और उसकी जांच करवा ली होती तो ये सफर आंसू भरा नहीं होता। रेलवे के अफसर के ये अनदेखी सैकड़ों लोगों की जिंदगी से खेल गई। 35 साल के प्रकाश शर्मा मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में खेरखेड़ा गांव के रहने वाले हैं। प्रकाश शर्मा ने मीडिया को बताया कि वह ट्रेन से रोजाना सफर करते हैं। लेकिन पहली बार उन्हें लगा कि पहियों से कुछ अलग तरह की आवाज आ रही थी। पहियों में सामान्य से ज्यादा शोर हो रहा था। प्रकाश की दी जानकारी के अनुसार उन्होंने हादसे से करीब 12 घंटे पहले इस बात की जानकारी दी था लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।