इंटरनेशनल डेस्क: गाड़ियों से फैलने वाले प्रदूषण को कम करने का एक नया तरीका निकाला गया है।। जर्मनी ने छह करोड़ डॉलर (544 करोड़ रुपए) की लागत से ई-हाईवे बनाने वाला पहला देश बन गया है। सरकार ने हाल ही में फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट और नजदीकी इंडस्ट्रीयल पार्क के बीच 10 किलोमीटर लंबे हाईवे की टेस्टिंग भी की है। इसमें खासतौर पर तैयार किए गए ट्रक दौड़ाए गए, जो ट्रेन इंजनों की तरह सड़क के ऊपर लगी केबल से बिजली लेकर चलते हैं।
इस सिस्टम को जर्मन कंपनी सीमेंस ने विकसित किया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह प्रदूषण कम करने के लिए अपनी तरह का पहला टेस्ट है। ट्रकों में मोटर लगाई गई है, जो केबल से बिजली लेकर चलती है। इलेक्ट्रिक केबल की ऊर्जा से ट्रक 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं।
ई-हाईवे से ये होगा फायदा-
सीमेंस का दावा है कि यह सिस्टम ईंधन से चलने वाले ट्रकों के मुकाबले काफी ऊर्जा बचाता है। कंपनी के मुताबिक, हर साल एक लाख किलोमीटर चलने पर यह सामान्य ईंधन के मुकाबले ट्रांसपोर्टर के 17 हजार पाउंड (16 लाख रुपए) तक बचा सकता है। साथ ही कार्बन डाईऑक्साइड और नाइट्रोजन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन कम कर सकता है। जहां हाईवे इलेक्ट्रिक नहीं होंगे वहां ये ट्रक सामान्य ईंधन से चल सकेंगे। सरकार ने इन ट्रकों को तैयार करने में 536 करोड़ रुपए लगाए हैं।
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