26 साल में पहली बार कश्मीर में बकरीद पर कर्फ्यू, ड्रोन कैमरे से की जा रही निगरानी

सेना को भी अलर्ट रखा गया है। वहीं अलगाववादियों के मार्च को रोकने के लिए घाटी में इंटरनेट सेवाओं को भी प्रतिबंधित किया गया है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है।

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श्रीनगर

Three days after militant commander Burhan Wani was killed in south Kashmir, strict restrictions continue to remain inposed across Kashmir valley. .Express Photo by Shuaib Masoodi 11-06-2016

देशभर में बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन कश्मीर घाटी में पिछले 26 साल के दौरान यह पहला मौका है, जब घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. राज्य सरकार ने हिंसा की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

इसके साथ ही सेना को भी अलर्ट रखा गया है। वहीं अलगाववादियों के मार्च को रोकने के लिए घाटी में इंटरनेट सेवाओं को भी प्रतिबंधित किया गया है। ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है।

आठ जुलाई को कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एनकाउंटर में मौत के बाद पिछले दो महीने से जारी हिंसा में अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक झड़पों में आठ हजार से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं, जिनमें सैकड़ों सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।

ईदगाह और हजरतबल में सन्नाटा

घाटी में सोमवार आधी रात से ही कर्फ्यू लगा दिया गया था. पिछले 26 वर्षों में यह पहला मौका है, जब यहां ईदगाह और हजरतबल दरगाह में ईद के मौके पर लोग नहीं जुट सकेंगे।

अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने मंगलवार को यूनाइटेड नेशंस के स्थानीय कार्यालयों की ओर जुलूस निकालने की अपील की थी और उसे देखते हुए घाटी में प्रतिबंध तामील किया गया है।

इंटरनेट-मोबाइल पर प्रतिबंध

स्थानीय मस्जिदों में ईद की नमाज पढऩे की इजाजत दी गई है। इसके अलावा राज्य सरकार ने सभी टेलीकॉम नेटवर्कों की इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश पहले ही दे दिया है। बीएसएनएल को छोड़कर बाकी सभी कंपनियों की मोबाइल टेलीफोन सेवाएं तीन दिन तक राज्य में बंद रहेंगी. वहीं बीएसएनएल की इंटरनेट सेवाएं भी बंद रहेंगी।

इस बीच अवंतीपुरा, बारामूला और सोपोर को छोड़कर पूरे कश्मीर घाटी में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

जामिया मस्जिद का मुख्य गेट बंद

पिछले नौ हफ्ते से श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा नहीं की गई है। यहां हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक हर सप्ताह लोगों को संबोधित करते थे।

नौहट्टा की तरफ से जामिया मस्जिद का मुख्य द्वार अब तक बंद है और बुलेट प्रूफ जैकेट पहने और स्वचालित हथियारों के साथ सुरक्षा बल जामिया बाजार और बाहरी इलाकों में तैनात देखे जा सकते हैं।मस्जिद की ओर जाने वाली सभी सड़के बंद हैं।