अगर आप खुद का मकान या फिर कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक समेत देश के अन्य बड़े बैंकों ने अलग- अलग तरह के ब्याज दर में कटौती की है। इस कटौती की वजह से होम लोन और कार लोन पर ब्याज दर कम हो गई है। तो आइए जानते हैं वो कौन-कौन से बैंक है जो आपका घर या कार का सपना पूरा कर सकते हैं।
एसबीआई (SBI)
एसबीआई ने लोन की ब्याज दरों में 0.05 फीसदी की मामूली कटौती की है। एसबीआई ने संशोधित दर वाले 30 लाख रुपये तक के होम लोन पर भी ब्याज दर में 0.10 फीसदी की कटौती की है। इसके साथ अब 30 लाख रुपये से कम के होम लोन पर नई ब्याज दर 8.60 से 8.90 फीसदी होगी जो अभी तक 8.70 से 9 फीसदी है। बता दें कि एसबीआई ने करीब 17 माह बाद अपनी एमसीएलआर में कटौती की है। इससे पहले नवंबर, 2017 में एसबीआई ने एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की कटौती की थी।
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
बीते दिनों आईसीआईसीआई बैंक ने एमसीएलआर दरों में 5 बेस प्वाइंट की कटौती कर दी। आईसीआईसीआई बैंक एक रात और एक महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर को घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया है। वहीं दो महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.55 फीसदी, छह महीने की अवधि के लिए 8.7 फीसदी और एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को 8.75 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ होम लोन पर ब्याज दर पहले के मुकाबले सस्ता हो गया है।
कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
कोटक महिंद्रा बैंक ने भी एमसीएलआर में 10 बेस प्वाइंट की कटौती की है। बैंक में अब एक वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.9 फीसदी हो गई है। वहीं दो वर्ष और तीन वर्ष की अवधि के लिए एमसीएलआर को 5 बेस प्वाइंट कम कर 9 फीसदी कर दिया गया है।
एचडीएफसी बैंक (HDFC)
एचडीएफसी बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट MCLR में 0.10 फीसदी की कटौती की है। बैंक ने 1 साल के कर्ज पर एमसीएलआर 8.75 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया है। बैंक ने 6 महीने, 3 महीने और 1 महीने के एमसीएलआर को घटाकर 8.45 फीसदी, 8.35 फीसदी और 8.30 फीसदी किया है।
इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank)
एसबीआई से पहले इंडियन ओवरसीज बैंक ने एक साल के लोन पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) को 8.70 फीसदी से घटाकर 8.65 फीसदी करने की घोषणा की है। वहीं दो और तीन साल के कर्ज पर ब्याज दर क्रमश: 8.75 फीसदी और 8.85 फीसदी होगी। आपको बता दें कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट वो दर होता है जिसके लागत के हिसाब से बैंक लोन की दरें तय करता है। इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए होम और ऑटो लोन महंगे हो जाते हैं। वहीं एमसीएलआर दर कम होने से ब्याज दर में कटौती तय मानी जाती है।
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