हर साल होली के सातवें दिन शीतला सप्तमी मनाई जाती है। इस पूजा को उत्तर भारत के कई जगहों पर बासौड़ा या बसोरा (Basoda) भी कहा जाता है। इस बार बासौड़ा या शीतला सप्तमी 27 मार्च को मनाई जा रही है। इस दिन महिलाएं सुबह उठकर शीतला माता की पूजा करती है और ठंडा खाना खाती है और अन्य घर के सदस्यों को खिलाती हैं।
शीतला सप्तमी का शुभ मुहूर्त
27 मार्च सुबह 06:28 से 18:37 तक.
शीतला सप्तमी की पूजा विधि
1. हर पूजा की तरह इसमें भी सुबह पहले स्नान करें।
2. इसके बाद शीतला माता की पूजा करें।
3. स्नान और पूजा के वक्त ‘हृं श्रीं शीतलायै नमः’ का उच्चारण करते रहें।
4. माता को भोग में रात के बने गुड़ वाले चावल चढ़ाएं।
5. व्रत में इन्हीं चावलों को खाएं।
मान्यता क्या है
शीतला माता ये व्रत रखने से बच्चों की सेहत अच्छी बनी रहती है। उन्हें किसी भी प्रकार का बुखार, आंखों के रोग और ठंड से होने वाली बीमारियां नहीं होती। हर राज्य क्षेत्र में शीतला सप्तमी की अलग-अलग मान्यता है।
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