सतलुज-यमुना क्या है मामला, SC का फैसला क्यों बना पंजाब के लिए मुसीबत,यहां जाने पूरा Update

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सतलुज-यमुना विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा अहम फैसला आया है। इस फैसले से पंजाब सरकार को बड़ा झटका लगा है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं पंजाब के सभी कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है।

क्या है पूरा मामला-

  • पंजाब और हरियाणा 1966 में अलग अलग राज्य बने। दोनों राज्यों के बीच पानी का ये विवाद उसी समय से है।
  • केंद्र सरकार के दखल से 1981 में दोनों राज्यों के बीच एक समझौता हुआ। इस फैसले के बाद हरियाणा ने अपनी तरफ से नहर बनाने का काम पूरा कर दिया लेकिन पंजाब ने ऐसा नहीं किया।
  • 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा कि केंद्र सरकार पंजाब की ओर नहर बनाने की जिम्मेदारी खुद ले।
  • इस आदेश के बाद पंजाब विधानसभा ने प्रस्ताव पास कर पानी का समझौता ही रद्द कर दिया था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि अगर समझौता ही नहीं होगा तो नहर क्यों बनेगी ?
  • पंजाब सरकार के इसी फैसले पर राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा था कि क्या कोई राज्य एक तरफा ऐसा प्रस्ताव पास करके समझौता रद्द कर सकती है ?
  • आज सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल बाद इसी सवाल का जवाब दिया है कि कोई सरकार दो राज्यों के बीच हुए समझौते को एक तरफा रद्द नहीं कर सकती।
  • आज के फैसले के बाद पंजाब सरकार का 2004 में पास किया कानून रद्द हो गया है और 1981 का समझौता जिस पर अब तक अमल नहीं हो पाया था वो बहाल हो गया है।
  • अब पंजाब को हरियाणा को हिस्से का पानी देना पड़ेगा। अब केंद्र सरकार को पंजाब के हिस्से में नहर का पूरा करवाना पड़ेगा।
  • आज सुप्रीम का जो फैसला आया है उसे आदेश नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह राष्ट्रपति की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब है। सुप्रीम कोर्ट का आज फैसला एक औपचारिकता है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

सतलुज-यमुना लिंक नहर मामले में पंजाब को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा से पानी समझौता तोड़ने के पंजाब के कानून को असंवैधानिक करार दिया है। इससे हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलने का रास्ता साफ हो गया है।