राजस्थानी घेवर बनाने की विध‍ि

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आवश्यक सामग्री:
मैदा-250 ग्राम, दूध-50 ग्राम, घी-50 ग्राम, पानी-800 ग्राम, दूध-आवश्यकतानुसार, बर्फ-कुछ टुकड़े, घी/तेल-घेवर तलने के लिये
 
चाशनी बनाने के लिये:
चीनी-400 ग्राम, पानी-200 ग्राम
घेवर बनाने की विधि‍:
सबसे पहले एक बर्तन में घी लेकर उसके बर्फ के कुछ टुकड़ें डालें और उसे हाथ से फेंटें। जब घी क्रीम जैसी दिखने लगे, तो बर्फ निकाल दें और घी को एकबार पुन: फेंट लें। जब घी क्रीम जैसा लगने लगे, उसमें आधा मैदा डालें और और फिर से फेंटें। जब मैदा पूरी तरह से घुल जाए, तो बचा हुआ मैदा भी उसमें मिला लें और दूध और पानी मिला कर अच्छी तरह से फेंटें। ध्यान रहे मिश्रण में गुठली नहीं रहनी चाहिए और घोल एकसार होना चाहिए। साथ ही वह इतना पहता होना चाहिए कि चम्मच में लेकर गिराने से पतली धार बनकर गिरना चाहिए।
घोल तैयार होने पर एक पतला लेकिन मोटे तले का गहरा भगोना लें और उसमें लगभग आधा भगोना घी भरकर गर्म करें। घी गर्म होने पर बड़े चम्मच में मैदे का घोल लेकर भगोने में गोलाई से गिराएं। घोल इतना गिराएं कि भगोने में गोलाई में एक परत जैसी बन जाए। मैदे का यह मिश्रण घी के ऊपर तैरने लगेगा। अगर मैदा बीच में जमा हो रहा हो, तो उसे चाकू या किसी अन्य नुकीली चीज से किनारे की ओर कर दें और मिश्रण के बीच में एक बड़ा सा छेद कर दें।
लगभग दो मिनट बाद फिर से मैदे का घाेल गोलाई से भगाेने में डालें और एक के ऊपर एक करके दो या तीन (जितनी मोटाई आप चाहें) बना लें। जब घेवर की पर्त भगोने में मनचाहे साइज की बन जाए, तो उसपर मैदे का घोल न डालें और उसे सुनहरा होने तक सेंक लें। सुनहरा होने पर घेवर के बने छेद में चाकू या सींक डाल कर निकला लें और उसे किसी बर्तन के ऊपर लटका कर रख दें, जिससे उसका अतिरिक्त घी निचुड कर निकल जाए।
सारे घेवर सिंक जाने के बाद चाशनी की तैयारी करें। इसके लिए पानी में चीनी मिलाकर उसे पका कर दो तार की चाशनी बना लें। चाशनी बन जाने पर सिंके हुए घेवर किसी चौड़े बर्तन में रखें और ऊपर से चाशनी डाल दें। पंद्रह मिनट तक चाशनी में भीगने के बाद घेवर को चाशनी से निकाल लें और उसे किसी स्टील की रॉड या कलछुल में पहना कर किसी बर्तन के ऊपर रख दें, जिससे उसमें लगी हुई अतिरिक्त चाशनी निकल जाए।
अब आपके घेवर तैयार हैं। बस इनके ऊपर रबड़ी  की एक पर्त लगाएं और ऊपर से कटे हुए बादाम, पिस्ता छिड़क कर सर्व करें।