बुलंदशहर: यूपी के खुर्जा में अस्पताल में एक नवजात बच्ची की मौत हो गई। परिवार कह रहा है कि हजार रुपये के नोट अस्पताल ने नहीं लिए और पत्नी की डिलीवरी में देरी की वजह से बच्ची की मौत हो गई। अस्पताल आरोप को गलत बता रहा है। ये अस्पताल केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेश शर्मा का है।
बड़े नोट बने नवजात की मौत की वजह !
क्या पांच सौ हजार रुपये के नोट किसी की जिंदगी से बढ़कर हैं? लेकिन एक बेबस पिता की नवजात बेटी ने इस दुनिया में आंख खोलने से पहले ही दम तोड़ दिया…पिता का कहना है कि अस्पताल ने 100–100 रुपये के नोट नहीं होने की वजह से पत्नी का इलाज नहीं किया और इलाज में देरी की वजह से नवजात की मौत हो गई।
यूपी के खुर्जा में अस्पताल पर नोट ना लेने का आरोप
बुलंदशहर के खुर्जा में रहने वाले अभिषेक अपनी पत्नी एकता की डिलीवरी के लिए कल कैलाश अस्पताल में पहुंचे थे। अस्पताल ने उन्हें दस हजार रुपये जमा करने के लिए कहा लेकिन अस्पताल ने एक हजार रुपए का नोट देखकर पैसे जमा नहीं किए गए। अभिषेक का आरोप है कि पैसे जमा ना होने पर इलाज में देरी की गई।
केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा का है कैलाश अस्पताल
कैलाश अस्पताल मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा का है, हालांकि अभिषेक के आरोप पर अस्पताल का कहना है कि बच्ची पहले से ही मृत थी। अस्पताल में अब भी पांच सौ हजार के नोट लिए जा रहे हैं। लेकिन अस्पताल की पोल एक और मरीज के तीमारदार ने खोल कर रख दी, साफ कहा कि अस्पताल में पांच सौ के नोट नहीं लिए जा रहे।
जाहिर है कि पांच सौ और हजार के नोट बंद होने से मरीजों की मुसीबत हो रही है, और अभिषेक का दर्द तो ऐसा है जिसे बांटा भी नहीं जा सकता।