नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड (Agusta Westland) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा दावा किया है, ईडी के मुताबिक घोटाले में बिचौलिए कि भूमिका में रहे क्रिश्चियन मिशेल (Christian Michel) ने पूछताछ के दौरान मिसेज गांधी का लिया नाम है। ईडी के मुताबिक मिशेल ने इटालियन महिला के बेटे का जिक्र किया और कहा वो इस देश का अगला प्रधानमंत्री है।
हालांकि ईडी ने महिला का नाम साफ नहीं किया। लेकिन ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में बताया हमें यह जानने की जरूरत है कि R नाम का वो बड़ा आदमी कौन है जिसकी मिशेल और किसी अन्य से बातचीत थी। हमे मिशेल को सामने बिठाकर यह जानने की जरूरत है कि आखिर R नाम से जिसे संबोधित किया गया वो बड़ा आदमी कौन है।
सुनवाई के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी मिशेल को 7 दिनों के ईडी के रिमांड पर भेज दिया है ईडी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि चूंकि मामला आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत है, इसलिए मिशेल के वकील को उससे मिलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। क्योंकि उसे बाहर से निर्देश दिए जा रहे हैं।
बता दें इससे पहले क्रिश्चियन मिशेल की एक चिट्ठी सामने आई थी जो फिनमेकैनिका कंपनी के CEO जुगेपी ओरसी को लिखी गई थी। उसमें कहा गया कि उन्होंने सत्ताधारी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव बनवाया था। इसमें ये भी खुलासा हुआ है कि इस डील से जुड़ी सभी जानकारी मिशेल को संबंधित मंत्रालयों से मिल रही थी।
यह चिट्ठी 28 अगस्त, 2009 को लिखी गई थी। चिट्ठी के अनुसार, मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड डील से जुड़ी सभी जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय समेत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिल रही थी। इतना ही नहीं उसे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुलाकात के बारे में भी पता था।
ओरसी को लिखी चिट्ठी में मिशेल ने दावा किया है कि इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की जो बैठक होने वाली है उसके बारे में उसे जानकारी है। इस मसले पर प्रधानमंत्री, ज्वॉइंट सेकेट्ररी और डिफेंस सेकेट्ररी के बीच में जो बात चल रही है वह उसे भी पता है। इतना ही नहीं तत्कालीन रक्षा मंत्री उनकी डील के पक्ष में हैं।
कांग्रेस ने लगाए आरोप-
मिशेल के बयान सामने आने के बाद, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चौकीदार के लोग ज्यादा की ओवर टाइम कर रहे हैं, और वह जांच एजेंसियों पर इस मामले को लेकर दवाब लगातार बना रही है। ताकि इस घोटाले के सभी आरोप एक ही परिवार पर लगा दिए जाए।
क्या है मामला-
3,600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े इस मामले में तीन बिचौलिए आरोपी के तौर पर शामिल हैं जिनमें से एक मिशेल हैं। मामले की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही है। ईडी ने जनवरी में यूएई के अधिकारियों से मिशेल के प्रत्यर्पण की मांग की थी. ईडी और सीबीआई दोनों ने भारत की अदालतों में रिश्वत के मामले में आरोप पत्र दाखिल किए थे, जहां से आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे।
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