साल की शुरूआत से ही देश में बनने वाली पहली रेलवे यूनिवर्सिटी की पहले से चर्चा थी लेकिन अब ये चर्चा हककीत बन चुकी है। जी हां हमारे देश में पहली रेल यूनिवर्सिटी खुलने जा रही हैं। रूस और चीन के बाद यह दुनिया की ऐसा तीसरा विश्वविद्यालय है, जो रेल के कामकाज से जुड़ी पढ़ाई में करवाएगा।
अब यदि आप भी रेलवे से जुड़ी पढ़ाई करना चाहते हैं तो तैयार हो जाइए। हम आपको इस विश्वविद्लायल से जुड़ी तमाम जानकारी देने जा रहे हैं। बता दें, यह यूनिवर्सिटी गुजरात के वडोदरा में है, जिसका नाम राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) है।
इस साल सितंबर से यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गए हैं। दो पूर्ण आवासीय स्नातक पाठ्यक्रमों में 20 राज्यों के 103 छात्रों के पहले बैच को प्रवेश दिया गया था। विश्वविद्यालय ने दो स्नातक कार्यक्रम ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी में बीएससी और ट्रांसपोर्टेशन मैनेजमेंट में बीबीए शुरू किया है।
विश्वविद्यालय का उद्देश्य ट्रांसपोर्ट एडं सिस्टम डिजाइन, ट्रांसपोर्ट सिस्टम्स इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट पॉलिसी एडं इकोनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों में 2019-20 के शैक्षणिक सत्र से स्नातकोत्तर पाठयक्रम शुरू करना है।
421 करोड़ रूपये बजट
बता दें, विश्वविद्यालय परिसर में 17 छात्राएं और 86 छात्र हैं और ये देश के 20 राज्यों से आए हैं। बीबीए – ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट में 41 और बीएससी – ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी 62 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।रेल मंत्रालय ने अगले पांच सालों तक इस परियोजना के लिए 421 करोड़ रूपये मंजूर किए हैं।
कोर्स फीस
स्टूडेंट्स को इन कोर्स के लिए 91075 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं पहले बैच के विद्यार्थियों को ट्यूशन फीस में 50 फीसदी की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है और उम्मीदवारों का चयन एनआरटीआई एप्टीट्यूड टेस्ट के माध्यम से किया गया।
प्रताप पैलेस बना यूनिवर्सिटी
इस यूनिवर्सिटी के लिए अलग से कैंपस नहीं बना है, लेकिन अभी यह विश्वविद्यालय प्रताप विलास पैलेस से संचालित होगा। बता दें कि यह प्रताप विलास पैलेस नेशनल अकेडमी ऑफ इंडियन रेलवे के नाम से जाना जाता है।
यहां से दोनों संस्थान चलेंगे और जल्द ही अलग कैंपस तैयार किया जाएगा. बताया जा रहा है कि रेलवे ने इसके लिए 100 एकड़ की जमीन का चयन कर लिया है।
बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट
इस कोर्स के माध्यम से ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में मैनेजमेंट सिस्टम की पढ़ाई करवाई जाएगी और यह कोर्स तीन साल का होगा।
बैचलर ऑफ साइंस इन ट्रांसपोर्टेशन टेक्नोलॉजी
यह भी तीन साल का कोर्स है और इसके माध्यम से ट्रांसपोर्टेशन फील्ड में इस्तेमाल होने वाली टेक्नोलॉजी की जानकारी दी जाएगी।
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