विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है। कल सुबह यानी 11 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी। कहा जा रहा है कि चुनाव की मतगणना में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग सकता है और इन सबके पीछे कांग्रेस पार्टी का हाथ माना जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव आयोग ने एक आदेश निकाला है। जिसमें साफ कहा गया है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे तब तक अगला राउंड शुरू नहीं हो सकेगा।
इस वजह से नतीजे आने में देर होगी। यह प्रक्रिया पांचों राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में लागू होगी। यही नहीं, आगे वाले चुनावों की मतगणना में भी अब इस तरह ही होगी। चुनाव आयोग का कहना है कि इस फॉर्मूला को प्रक्रिया में लाना जरूरी है। इसलिए इस मतगणना से इसकी शुरूआत की जा रही है।
वहीं, इस बार मतगणना के समय न वेबकास्टिंग होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा। सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति के बाद रविवार देर रात यह निर्णय लिया है।
खबरों के अनुसार, कांग्रेस ने वेबकास्टिंग में जियो की जगह बीएसएनएल नेटवर्क का इस्तेमाल करने की मांग की थी। साथ ही इस बात पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी कि वेबकास्टिंग के काम का ठेका गुजरात की कंपनी संघवी इन्फोटेक को क्यों दिया गया।
कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन सदन पहुंचा और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) मध्यप्रदेश को आपत्ति दर्ज कराई। फिर देर रात वेबकास्टिंग न कराने का निर्णय लिया। ताकि मतगणना में पार्दर्शिता बनी रहे।
आपको बता दें, यदि एक्टिज पोल्स के नतीजों को माना जाए तो इस प्रकार राजस्थान में कांग्रेस और अन्य राज्यों जैसे छतीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम और तेलंगाना में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही है। इस कड़ी टक्कर में कई नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है।
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