दिल्ली: भारत की राजधानी दिल्ली में स्मॉग के ऐसे हालात पहली बार बने हैं। हवा बेहद जहरीली हो चुकी है। अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो 1952 में लंदन जिन हालातों से गुजरा था वहीं हाल अब भारत का होगा। खबरों के अनुसार दिल्ली की हवा की क्वॉलिटी निचले स्तर पर पहुंच गई है।
दिल्ली के हाल जल्द उन तमाम देशों की तरह हो जाएंगे, जो इससे पहले जहरीले धुंए को झेल चुके है और हजारों जिंदगियां तबाह कर चुके है। चलिए आपको बताते है ऐसे ही कुछ देशों के बारें में….
लंदन का 1952 का ‘बिग स्मोक’
लंदन में 1952 में हुई इस घटना को ‘ग्रेट स्मॉग’ या ‘बिग स्मोक’ कहा जाता है। यह घटना दिसंबर में हुई थी। लंदन में पांच दिसंबर से नौ दिसंबर 1952 तक जबरदस्त वायु प्रदूषण की स्थिति रही। ऐसा शहर के ऊपर बने एंटी-साइक्लोन की स्थिति, हवा नहीं चलने और कोयले के इस्तेमाल से हवा में घुले प्रदूषकों की वजह से हुआ था।
स्मॉग की वजह से हालात इतने बिगड़ गए कि करीब 4 हजार लोग इसकी चपेट में आकर मारे गए थे। बताया जाता है कि उस घटना के दौरान 10 से 12 हजार लोग प्रभावित हुए थे। 1952 के हालात के बाद संसद में क्लीन एयर एक्ट 1956 पारित किया गया।
बीजिंग के बिगड़े हालात-
चीन की राजधानी बीजिंग में भी कुछ वर्षों से ऐसे हालात पैदा हो रहे हैं। यहां ठंड के मौसम में हर साल स्मॉग की स्थिति बन जा रही है। हालत यह है कि बीजिंग की गिनती चीन के सबसे प्रदूषित शहरों में टॉप पर होने लगी है। चीन में कार्बन उत्सर्जन का मुख्य कारक कोयला है। चीन ने 2017 तक कोयले के इस्तेमाल में 70 फीसदी कटौती और 2020 तक कोयला मुक्ति का लक्ष्य बनाया है।
खबरों के अनुसार चीन ने वायु प्रदूषण का डाटा गुप्त रखा हुआ है। लेकिन चीन में प्रदूषण को लेकर कई तरह की सख्ती है। चीन ने सड़कों पर गाड़ी चलाने के लिए कड़े बंदोबस्त किए हैं। 2017 तक ऐसी सभी गाड़ियों को हटाने का लक्ष्य रखा है जो 2005 तक रजिस्टर्ड हुई।
दिल्ली के प्रदूषण से डरा पाकिस्तान-
स्मॉग के कहर से न सिर्फ भारत की राजधानी दिल्ली, बल्कि पड़ोसी मुल्क भी परेशान है। पिछले कुछ दिनों से लाहौर समेत पंजाब प्रांत और कराची समेत पाकिस्तान के तमाम औद्योगिक शहर स्मॉग की मार झेल रहे हैं। लाहौर और कराची शहरों में आंखों में जलन और सांस से जुड़ी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं। इन दिक्कतों की वजह से कई लोग अस्पताल में भर्ती भी हुए हैं। पाकिस्तान का कहना है कि भारत के पंजाब प्रांत में खेतों में जलने वाली फसल से उसके यहां यह हाल है।
दिल्ली सरकार का पक्ष
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सतेंदर जैन कहते हैं कि प्रदूषण रात में सबसे अधिक होता है। स्कूलों को बंद कर देना समाधान नहीं है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने भी फटकारा…
ऐसा पाया गया है कि भारत की हवा इस बीच तेजी से प्रदूषित हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने तो दिल्ली की तुलना किसी ‘गैस चेम्बर’ से की है। साथ ही साथ हाई कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार से इस समस्या से लड़ने के लिए रणनीति बनाने को कहा है। 1 नवंबर की सुबह दिल्ली का प्रदूषण स्तर सुरक्षित स्तर से दस गुना अधिक दर्ज किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो नेशनल ग्रीन ट्रिबुनल (NGT) ने दिल्ली सरकार को इस मामले पर शुक्रवार तक स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा था।