सिंगापुर: भारतीय महिला हॉकी टीम ने सिंगापुर में हुई महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब जीत लिया है। सिंगापुर में खेले गए फ़ाइनल मैच में भारत ने चीन को 2-1 से हरा दिया। भारत की ओर से दोनों गोल पेनाल्टी कॉर्नर के ज़रिये किये गये।
भारत की ओर से दीप ग्रेस इक्का ने तीसरे मिनट में गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। लेकिन चीन ने दूसरे हाफ़ में 44वें मिनट में गोल कर मैच को बराबरी पर ला दिया। लेकिन मैच खत्म होने से पहले 60वें मिनट में दीपिका ने एक और गोल कर भारत को ख़िताबी जीत दिलवा दी। महिलाओं ने पहली बार ये ट्रॉफ़ी अपने नाम की। कमाल की एक बात ये है कि लीग मैच में एक दिन पहले चीन ने भारत को 3-2 से हरा दिया था। पिछले हफ़्ते भारतीय पुरुष टीम भी एशियन चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब जीतने में कामयाब रही थी।
पूर्व भारतीय कप्तान ममता ख़रब इसे भारतीय हॉकी की बड़ी जीत मानती हैं। उनका मानना है कि अगर इसे सही तरह से तराशा गया तो ये और भी बड़ी जीत हासिल कर सकती है। पूर्व कप्तान सबा अंजुम कहती हैं, “बहुत बड़ी जीत है। लीग मैच हम चीन से हार गए थे। लेकिन लीग और फ़ाइनल एकदम अलग होता है। फ़ाइनल में डू या डाई सिचुएशन होती है। इस जीत का फ़ायदा भारतीय टीम को एशियन गेम्स, एशिया कप, टेस्ट मैच या दूसरे बड़े टूर्नामेंट में देखने को ज़रूर मिलेगा।”
पिछले हफ़्ते भारतीय पुरुष टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीती थी तो जूनियर टीम ने वालेंसिया (स्पेन) में फ़ोर नेशंस टूर्नामेंट में डिफेंडिंग चैंपियन जर्मनी को (5-2 से) शिकस्त दी थी और उसी दिन महिला टीम ने इसी टीम में द. कोरिया को शिकस्त दी थी। मतलब अब भारतीय पुरुष सीनियर और जूनियर टीम के साथ अब महिला टीम के पास भी ख़िताबी जीत है। जानकार इसे भारतीय हॉकी के आने वाले दिनों के लिए एक अच्छा संकेत मान रहे हैं।
पिछले हफ़्ते भारतीय जूनियर टीम के कई खिलाड़ियों को शिकायत थी कि उनकी बड़ी जीत के बावजूद मीडिया ने उनको वो तवज्जो नहीं दी जो मिलनी चाहिए थी। लेकिन महिला टीम की इस जीत के बाद उम्मीद की जानी चाहिए चैंपियन महिला टीम का स्वागत भी एक विजेता की तरह ही किया जाएगा।