CBI में घूसकांड, मोदी सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, जानिए अब आगे क्या ?

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नई दिल्ली: अफसरों के घुस लेने का मामला यूं तो हमारे सामने आते रहते हैं कि लेकिन इस बार जो मामला आया उसने चौंका दिया। दरअसल, ये खबर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) से जुड़ी है। जहां सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों के बीच मचा घमासान अब अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है।

मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह एजेंसी के स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ शुरू की गई आपराधिक कार्यवाही में यथास्थिति बरकरार रखे, जबकि एक निचली अदालत ने घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किये गए एजेंसी के डीएसपी देवेंद्र सिंह को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।

इसके अलावा, बताया यह भी जा रहा है कि सीबीआई मांस कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में एक अन्य कारोबारी को राहत देने के लिए कथित तौर पर उससे रिश्वत लेने के आरोपों में अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से शीघ्र पूछताछ कर सकती है।

आखिर मामला क्या है
मिली जानकारी के अनुसार, एजेंसी के स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से घूस लेने के आरोप में रविवार को एफआईआर दर्ज की थी। कुरैशी धनशोधन और भ्रष्टाचार के कई मामलों का सामना पहले से कर रहा है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत दी गई। इसके एक दिन बाद एजेंसी के डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया।


अब आगे क्या
इस विवाद के बीच सरकार की तरफ से सीबीआई के दोनों शीर्ष अधिकारी सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया है। इस फैसले को सरकार का इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन माना जा रहा है। इस परिस्थिति में ज्वाइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। नागेश्वर राव ने बुधवार सुबह ही अपना कार्यभार संभाला।

आलोक वर्मा

नागेश्वर ने पदभार संभालते ही कड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। बुधवार सुबह ही सीबीआई ने अपने दफ्तर के 10वें और 11वें फ्लोर को सील कर दिया है। बता दें कि 11वें फ्लोर पर ही आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना का दफ्तर है। किसी भी व्यक्ति को इन फ्लोर पर जाने की इजाजत नहीं दी गई है।

राकेश अस्थाना

मोदी सरकार को मिली चुनौती-
खबर है कि इस पूरे मामले से खफा हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा को हटाना गैर कानूनी है, इसलिए इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।

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