जयपुर, 7 सितम्बर। फायर सेफ्टी एवं फायर सिक्योरिटी को स्कूल एवं कॉलेज के शैक्षणिक पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाना चाहिए। अग्नि सुरक्षा की ये बुनियादी जानकारियों का बच्चों के दिमाग पर गहरा असर होगा। पाठ्यक्रम में उन एहतियाती उपायों पर भी विशेष फोकस होना चाहिए, जो अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं के दौरान बचाव के लिए अपनाए जाएं। यह कहना था भारत सरकार की अग्नि सेवाओं के महानिदेशक, आईपीएस, श्री प्रकाश मिश्रा का। वे आज जयपुर के होटल जेडब्ल्यू मैरियट में फायर एंड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएसएआई) की ओर से आयोजित ‘पीएसीसी 2018‘ (प्रोजेक्ट हेड्स, आर्किटेक्ट्स एंड कंसल्टेंट्स कॉन्क्लेव) के उद्घाटन समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। इससे पूर्व पीएसीसी 2018 के चेयरमेन श्री पंकज आर. धारकर, एफएसएआई के नेशनल प्रेसीडेंट, श्री के. पी. डोमिनिक, श्री प्रकाश मिश्रा एवं अन्य अतिथियोें द्वारा कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया गया।
श्री धारकर ने कहा कि बिल्डर्स को अपनी यह सोच को बदलनी चाहिए कि फायर एंड सेफ्टी प्रोटोकॉल पर होने वाला खर्चा अतिरिक्त व्यय हैं। उन्हें यह मानना करना चाहिए है कि लोगों का जीवन बचाने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है। डवलपर्स और आर्किटेक्ट्स को यह धारणा बदलनी होगी कि साइनेज किसी भवन की सुंदरता एवं आर्किटेक्चर को नष्ट कर देते हैं। लगभग 90 फीसदी मौतें भगदड़ एवं हंगामे की वजह से ही होती है, जिन्हें उपयुक्त साइनेज के माध्यम से रोका जा सकता है। डिजीटल साइनेज एवं स्मोक डिटेक्टर जैसी नवीन तकनीकें भविष्य की इमारतों के लिए प्रभावी व बेहतरीन निवेश है।
श्री डोमिनिक ने कहा कि यह कॉन्क्लेव लाईफ एवं प्रोपर्टी की सुरक्षा के लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग करने पर केंद्रित है। एफएसएआई का विजन ‘चेंज इन थिंकिंग‘ हैं। वर्तमान में लोगों के दृष्टिकोण एवं मानसिकता को बदलने की जरूरत है ताकि वे अपने दैनिक जीवन में अग्नि सुरक्षा के बुनियादी उपायों को अपना सकें। एफएसएआई द्वारा अब तक 4.80 लाख विद्यार्थियों को फायर सेफ्टी व सिक्योरिटी का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इस अवसर पर रिटायर्ड आईपीएस व उत्तरप्रदेश कि पूर्व डीजीपी, डॉ. विक्रम सिंह और सिंगापुर सिविल डिफेंस फोर्स के असिस्टेंट कमिश्नर, श्री लियान वी टेक भी उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह के पश्चात ‘सेफ्टी, सिक्योरिटी एंड ऑटोमेशन सॉल्यूशंस फॉर माडर्न बिल्डिंग्स‘ और ‘सिक्योरिटी, सर्विलेंस एंड कम्यूनिकेशन‘ विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। शाम को कॉन्क्लेव के अतिथियों द्वारा फायर एवंे सिक्योरिटी इंडस्ट्री के नवीनतम उत्पादों व तकनीकों को दर्शाने वाली एग्जीबिशन का उद्घाटन किया गया।
कल, शनिवार को ‘सिक्योरिटी एट पब्लिक प्लेस – रियलिटी वर्सेज क्लेम‘ विषय पर सुरक्षा एवं रक्षा विशेषज्ञ, श्री मरुफ रजा की होने वाली बिग 7 फाइट कॉन्क्लेव का विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। इसके अतिरिक्त, ‘क्रिएटिंग फायर सेफ बिल्डिंग्स‘; ‘अंडरस्टेंडिंग एनबीसी 2016‘ और ‘हाउ आईओटी इज रेपिडली चेंजिंग ऑर इंफ्रास्ट्रक्चर्स‘ जैसे विषयों पर पैनल डिस्कशन आयोजित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय इस कॉन्क्लेव में लगभग 550 लोग भाग ले रहे हैं। इनमें प्रसिद्ध आर्किटेक्ट व कंसल्टेंट, प्रमुख टेक्नोक्रट तथा देशभर के अग्नि व सुरक्षा पेशेवर शामिल हैं।
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