सावधान: बड़ी संख्या में पनप रहे हैं मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर

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राजस्थान: प्रदेश में अभी मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है, इससे पहले ही मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छर के लार्वा की बड़े पैमाने पर मिली मौजूदगी चौंकाने वाली है। चिकित्सा विभाग के 1 मई से 16 जून के बीच घर-घर जाकर किए गए सर्वे में 82,179 जगहों पर ऐसे लार्वा की मौजूदगी मिली है। ये आंकड़े इसलिए भी अलार्मिंग हैं, क्योंकि राजस्थान डेंगू के मामले में देश के टॉप 5 राज्यों में है।

सर्वे में 18,99,270 टंकी, कूलर, गमले, खाली टायर तथा वाटर बॉडीज को चैक किया गया था। इससे साफ नजर आ रहा है कि मच्छर को पनपने से रोकने के लिए एंटीलार्वा गतिविधि व स्क्रीनिंग में सरकारी प्रयास पूरी तरह फेल रहे हैं। अब सवाल उठता है कि अभी ऐसे हालात है, तो बारिश के बाद क्या हालात होंगे?

डेंगू-मलेरिया हैं अब नोटिफाइड डिजीज, लार्वा मिलने पर 500 रु. जुर्माना भी
सरकार ने मलेरिया, डेंगू को 28 मई -2018 को नोटिफाइड डिजीज घोषित कर दिया है। इसके बाद सरकारी या निजी संस्थानों, क्लिनिक तथा लैब को संबंधित अधिकारियों को पॉजिटिव मरीज व मौत की सूचना देना अनिवार्य हो गया है। किसी भी जगह लार्वा पाए जाने पर नियंत्रण अधिकारी भारतीय दंड संहिता 1860 की सेक्शन 181 के तहत 500 रुपए का जुर्माना लगा सकता है। साथ ही सरकारी अधिकारी अब किसी भी परिसर में प्रवेश कर फीवर सर्विलेंस, एंटीलार्वा गतिविधियां तथा बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक दवा छिड़काव के अधिकार भी मिल गए हैं।

चिकित्सा विभाग ने पहले भी अभियान चलाया था
चिकित्सा विभाग की ओर से 21 से 23 मार्च तक पहले स्वास्थ्य दल आपके द्वार और अब एक मई से 30 जून तक मेरा गांव स्वस्थ गांव अभियान चलाया जा रहा है। मार्च माह में चलाए गए स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान में भी चैक की गई टंकियों, कूलरों एवं कंटेनर में करीबन एक लाख जगहों पर लार्वा पाया गया था। इसमें टंकियों में 56 हजार 673, कूलरों में 10 हजार 512 तथा कंटेनरों में 35 हजार 487 में लार्वा मिला।

इस साल प्रदेश में किस बीमारी के कितने केसेज 
मलेरिया
800
डेंगू
1650
चिकनगुनिया
130

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