ऑडी के CEO गिरफ्तार, जानिए कैसे सॉफ्टवेयर से छिपाते थे प्रदूषण

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जर्मनी की दिग्गज कार कंपनी ऑडी के सीईओ रूपर्ट स्टैडलर को बर्लिन में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्टैडलर पर आरोप है कि उन्होंने डीजल गाड़ियों की प्रदूषण परीक्षण प्रणाली में घोटाला किया है। ऑडी की पेरेंट कंपनी फॉक्सवैगन के प्रवक्ता ने बताया है कि स्टैडलर की गिरफ्तारी सोमवार को हुई और कोर्ट में पेशी के बाद मामले में पूछताछ के लिए उन्हें रिमांड पर दे दिया गया है।

गौरतलब है कि जहां पिछले साल पैरेंट कंपनी फॉक्सवैगन अपनी डीजल गाड़ियों के प्रदूषण स्तर को छिपाने के लिए सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल की दोषी पाई गई थी वहीं अब धोखाधड़ी का यह नया मामला उसकी ऑडी कार पर लग रहा है।

बीते महीने ऑडी के सीईओ रूपर्ट स्टैडलर ने माना था कि ऑडी ए6 और ए7 मॉडल की 60,000 कारों में प्रदूषण के स्तर को छिपाने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि यह 60 हजार गाड़ियां उन 8 लाख 50 हजार गाडियों से अलग हैं जिसे कंपनी ने 2017 के दौरान प्रदूषण सॉफ्टवेयर में बदलाव के लिए रिकॉल किया था।

कैसे काम करता था सॉफ्टवेयर:
2009 से 2015 के बीच फॉक्सवैगन ने ये सॉफ्टवेयर दुनियाभर के 1 करोड़ 10 लाख कारों लगाया था और अमेरिका के 500,000 कारों में इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था. सॉफ्टवेयर ऐसा था जो टॉर्क को कंट्रोल कर एवरेज और कार का ओवरऑल परफॉर्मेंस बढ़ा देता था। वहीं, कार्बन एमिशन को घटा हुआ बताता था। उस वक्त यह बात भी सामने आई थी कि कंपनी ने एमिशन कंट्रोल सॉफ्टवेयर के नाम पर कस्टमर्स से 7 हजार डॉलर तक अतिरिक्त लागत वसूली थी।

सॉफ्टवेयर लगाने की ये थी वजह-
साल 2009 में हुई यूएन क्लाइमेट मीट में अमेरिका, चीन, यूरोप समेत कई बड़े देशों ने ग्लोबल वार्मिंग को कम करने पर सहमति जताई थी। इसके लिए प्रदूषण कम करने की प्लानिंग हुई। ट्रांसपोर्ट से सबसे ज्यादा एयर पॉल्यूशन होता है।ऐसे में नई गाड़ियों को लेकर, अमेरिका समेत कई देशों ने इससे जुड़े नियम सख्त कर दिए थे।

साथ ही नियमों को ना मानने वाली कंपनियों पर भारी जुर्माना का प्रावधान भी रखा गया था। इसी सख्ती के बाद साल 2009 के अंत में फॉक्सवैगन ने अपनी कार में एईसीडी (ऑक्सीलरी एमीशन कंट्रोल) नाम का सॉफ्टवेयर लगाकर EPA के पास टेस्टिंग के लिए भेजना शुरू किया था।

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