अनफिट निकली राजस्थान पुलिस, 150 से ज्यादा सिपाही हैं इस बीमारी के शिकारी

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राजस्थान: पूरा देश में जहां फिटनेस चैलेंज की चर्चा है वहीं राजस्थान पुलिस का एक हैड कांस्टेबल शुक्रवार को पदोन्नति की दौड़ में जिंदगी की रेस हार गया। हैडकांस्टेबल से एएसआई बने 45 वर्षीय सुशील कुमार शर्मा ने शुक्रवार सुबह पांच बजे जलमहल की पाल पर आयोजित 2 किमी की दौड़ (शारीरिक दक्षता परीक्षा) में हिस्सा लिया था।15 मिनट में दौड़ पूरी करने के बाद उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई और वह अचेत होकर गिर गए।

उपचार के लिए पुलिस वाहन से एसएमएस हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों ने मौत की वजह हार्ट अटैक माना है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया।

परिजन शव को उसके पैतृक गांव बैर(भरतपुर) ले गए, जहां पर गार्ड ऑफ ऑनर देकर दाह संस्कार किया गया। सुशील वर्ष 1993 में कांस्टेबल भर्ती हुए थे और वर्तमान में जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में एडिशनल डीसीपी क्राइम एंड विजिलेंस के ऑफिस में पदस्थापित थे। पिछले दिनों उनका सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) के पद पर प्रमोशन हुआ था। इसकी लिखित परीक्षा का रिजल्ट गुरुवार को जारी हुआ। इसके बाद शुक्रवार सुबह जलमहल की पाल पर शारीरिक दक्षता परीक्षा थी।

न एंबुलेंस का इंतजाम, न दौड़ से पहले स्वास्थ्य जांच हुई
परीक्षा में मौजूद पुलिसकर्मियों के अनुसार दक्षता परीक्षा के दौरान मौके पर एंबुलेंस नहीं थी। हालांकि वहां डॉक्टर मौजूद थे लेकिन दौड़ से पहले स्वास्थ्य जांच नहीं हुई। हालांकि एएसआई पदोन्नति की लिखित परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद गुरुवार रात को ही चयनित पुलिसकर्मियों का ब्लडप्रेशर चैक किया गया था। इसके बाद शुक्रवार को आउटडोर परीक्षा में बुलाया गया।

पिता बेटे का इंतजार कर रहे थे, बेटे का शव आया
मृतक सुशील कुमार अपने चार भाइयों में सबसे बड़े थे और प्रतापनगर सेक्टर 11 में रहते हैं। उनके पिता केशवदेव शर्मा शुक्रवार सुबह ही बेटे से मिलने गांव से जयपुर आए थे। यहां सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंचते ही बड़े बेटे की मौत का समाचार सुना तो बिलख पड़े। सुशील के एक पुत्री और एक पुत्र है।

तनाव में पुलिसकर्मी हार्ट, डाइबिटीज व बीपी से पीड़ित
जयपुर कमिश्नरेट के अधिकारियों ने पिछले साल पुलिस थानों व लाइन में तैनात 5 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की हैल्थ जांच कराई थी। जांच में जयपुर कमिश्नरेट में करीब 30 फीसदी ब्लड प्रेशर (बीपी),10 से 15 फीसदी डायबिटीज और 4 फीसदी पुलिसकर्मी हार्ट के मरीज हैं। जयपुर कमिश्नरेट में 180 से ज्यादा पुलिसकर्मी हार्ट के मरीज हैं। काम के बोझ के कारण ज्यादातर पुलिसकर्मी तनाव में रहते हैं और मुख्य वजह 15 से 20 घंटे की ड्यूटी है। समय पर अवकाश नहीं मिलना भी तनाव का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

हर साल जिला मेडिकल शिविर में पुलिसकर्मियों का हैल्थ चैकअप किया जाता है। पुलिसकर्मियों को फिटनेस सुधारने के लिए बार-बार पुलिस मुख्यालय की ओर से आदेश जारी हुए हैं। समय-समय पर आउटडोर में भी उनकी फिटनेस की जांच की जाती है। – ओपी गल्होत्रा, डीजीपी

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