इस कारण हुई दो दिन बैंकों में हड़ताल, करोड़ों लोगों की अटकी सैलरी

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नई दिल्ली: देश में बैंकों में दो दिन की हड़ताल है। 30-31 मई को बैंक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या यह है कि करोड़ों सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ निजी क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों लोगों पर भी बैंकों में इस हड़ताल का असर पड़ेगा। कारण साफ है कि हड़ताल के दोनों ही दिन महीने के आखिरी दिन है और ऐसे में करोड़ों लोगों की सैलरी ट्रांसफर को लेकर समस्या आने वाली है।

बैंक‍ यूनियनों के मुताबिक, हड़ताल का कारण बताते हुए कहा कि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने उनके वेतन में महज 2 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, जिसे 5 मई को हुई आईबीए की बैठक में लाया गया था। इसमें 31 मार्च, 2017 तक वेज बिल कॉस्ट में 2 फीसदी के इजाफे का प्रावधान है लेकिन बैंक यूनियन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।

इस प्रस्‍ताव का विरोध करते हुए ‘यूनाइटेड फॉरम ऑफ बैंक यूनियन’ के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि बैंकों को जो नुकसान हो रहा है, उसका कारण एनपीए यानी बैड लोन है। इस नुकसान के लिए बैंक कर्मचारी जिम्मेदार नहीं हैं।

वहीं नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि यूएफबीओ की शनिवार की बैठक में आईबीए के दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। पिछली वेतन वृद्धि में आईबीए ने 15 प्रतिशत बढ़ोतरी की थी। उन्होंने कहा कि यदि आईबीए या सरकार ने तत्काल जवाब नहीं दिया तो सारे संगठन दो दिनों की हड़ताल करेंगे।

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