क्या कभी आपने ऐसे गांव के बारे में सुना हैं जहां इंसानों से ज्यादा गुड्डे-गुड़िया नजर आते हों, चाहे वह घर हो या फिर स्कूल सब जगह अपको सिर्फ कपड़े से बने इंसानो के पुतले ही नजर आएंगे।
जापान के भीतरी द्वीप में शिकोकू नाम का एक गांव है जहां ज्यादातर लोग ये गांव छोड़कर जा चुके हैं। जो जो इस गांव से जाता है या फिर जिसकी भी मौत होती है यहां रहने वाली एक महिला इन सबके गुड्डे-गुड़िया बना देती है।
इस गांव में केवल 35 लोग बचे हैं। वहीं सुकीमी अयानो नाम की महिला गांव छोड़ चुके अपने रिश्तेदारों और गांववालों के गुड्डे-गुड़िया बनाती रहती है। ये उन्हें सिलती है और किसी को अपना ताउ तो किसी को चाचा कहती है।
सुकीमी की उम्र 65 साल है। इस उम्र में भी वो गांव में बचे लोगों के मुकाबले काफी जवान हैं। उनका कहना है कि सालों पहले अपने पिता की देख-रेख करने के लिए वो ओसाका से गांव चली आई थी। पिता के मृत्यु के बाद और धीरे-धीरे कम होती जनता के बीच उन्होंने तय किया कि वो वहां से नहीं जाएंगी और एक नए तरह का गांव तैयार करेंगी। इस नए गांव में वही पुराने लोग रहेंगे लेकिन जिंदा नहीं गुड्डे-गुड़िया की शक्ल में।
सुकीमी का कहना है कि लोगों के चले जाने के बाद भी ये गुड्डे गुड़िया उनके लिए जिंदा हैं और साथ में रहते हैं। गांव में घूमते-फिरते बूढ़ें हों या फिर खेलते-कूदते बच्चे। सब जीवित हैं। वो हर रोज अपना सारा काम निबटाकर किसी ना किसी गांव वाले को सीने बैठ जाती हैं। ऐसा करते हुए उन्होंने क्लास में पढ़ते बच्चे, टीचर, उनके रिश्तेदार, चाय की दुकान पर बैठे कई लोग, सभी को बना डाला है।