World Asthma Day: इन 10 छोटी गलतियों की वजह से आता है अस्थमा अटैक

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लाइफस्टाइल डेस्क: भारत में अस्थमा के मरीजों की संख्या 2 करोड़ तक पहुंच गई है और इसमें दिन-ब-दिन इजाफा हो रहा है। अस्थमा के प्रत्येक 10 मरीजों में से एक भारतीय है। डॉक्टरों का कहना है कि ये समस्या ज्यादातर अनुवांशिक होती है लेकिन आजकल बदलते पर्यावरण के कारण भी ये समस्या काफी बढ़ रही है।

विश्वभर में 1 मई का दिन अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना कि आजकल जितनी बाकी चीजें जिम्मेदार हैं उतनी ही बदलती जीवनशैली। जानकार बताते हैं कि वायरल इंफेक्शन से ही अस्थमा की शुरुआत होती है। युवा यदि बार-बार सर्दी, बुखार से परेशान हों तो यह एलर्जी का संकेत है। सही समय पर इलाज करवाकर और संतुलित जीवन शैली से बच्चों को एलर्जी से बचाया जा सकता है। समय पर इलाज नहीं मिला, तो धीरे-धीरे वे अस्थमा के मरीज बन जाते हैं।

इस बीमारी में सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट होती है. अस्थमा का अटैक में तुरंत राहत के लिए इन्हेलर का सहारा लिया जाता है। यहां जानें ऐसे 10 कारणों के बारे में, जिनके कारण अस्थमा का अटैक आता है।

  1. उमस और बदलते मौसम में बाहर रहना और घंटों घूमना
  2. धूल और मिट्टी वाले कमरे में पंखा चलाना, इससे शरीर में धूल-मिट्टी जाती है, जिससे अस्थमा अटैक होता है
  3. लंबे समय तक तकिया या चादर न बदलना
  4. बार-बार धुएं वाले एरिया में निकलना या फिर दीवाली जैसे मौकों पर पटाखों के बीच ज्यादा रहना
  5. ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ न करना
  6. अस्थमा पीड़ित के कमरे की रोज़ाना सफाई न करना
  7. अस्थमा पीड़ित के आस-पास जानवरों का रहना या फिर घर में जानवर पालना
  8. खाने में ज़्यादा नमक खाना
  9. ज़्यादा धूम्रपान करना और शराब पीना
  10. सर्दियों में खांसी-ज़ुकाम का ठीक इलाज न करना

     

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