इतिहास का सबसे बड़ा नरसंहार, मिले 140 बच्चों और 200 लामाओं के अवशेष

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नेशनल जियोग्राफिक ने एक दिल दहला देने वाली रिपोर्ट दुनिया के सामने उजागर की। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही चारों तरफ इसी बात चर्चा है कि इस तरह की घटना घटी कैसे? दरअसल पुरातत्वविदों ने पेरू में दुनिया का सबसे बड़ा बलि स्थल मिलने का दावा किया है।

राजधानी लिमा से 500 किलोमीटर दूर त्रुजिलो शहर के करीब मिली इसी जगह का नाम लास लामास है। नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के शोधकर्ताओं को यहां 140 बच्चों के अवशेष मिले। यहां पर कभी चिमू सभ्यता थी। दावा किया जा रहा है कि 550 साल पहले यहां पर एक साथ एक समय में 200 से ज्यादा लोगों की बलि दी गई थी। इनमें बच्चों के साथ युवा भी शामिल थे।

बच्चों के शवों के अलावा वहां 200 छोटे लामाओं के शव भी मिले हैं जो कि एक प्रकार का जानवर होता है। इससे पहले साल 2011 में भी इसी जगह पर 42 बच्चों और 70 लामाओं के अवशेष मिले थे। इसके पास 35,000 साल पुराना एक मंदिर भी है।

बच्चों के निकाले गए थे दिल-
रेडियोकार्बन तकनीक से पता चला है कि यह घटना 1400-1450 ईस्वी की है। इसके अलावा अवशेषों का विश्लेषण करने पर पता चला कि बच्चों का दिल निकालने के लिए उनकी पसलियों और पेट की हड्डियों को काटा गया था। इन बच्चों की उम्र 5 से 14 साल के बीच की बताई जा रही है। जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं। साथ ही नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी द्वारा इस जगह की जांच अभी भी की जा रही है।

peru1_1524903202अंधविश्वास के भेंट चढ़े थे बच्चे-
पेरु नेशनल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गेब्रियल प्रिटो के मुताबिक, बलि की जगह को चिमू साम्राज्य में ही बनाया गया था। माना जाता है कि अल नीनो की वजह से पेरू के पास स्थित समुद्र में तूफान आया था, जिसकी वजह से त्रुजिलो में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी। इसी से बचाव के लिए लोगों ने भगवान को अपने बच्चों की भेंट चढ़ाई थी। बलि स्थल पर मिले अवशेषों का मुंह समुद्र की तरफ था। जिससे ये अंदाजा लगाया है।

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