मुंबई: चैयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप को निशाने पर लेते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। सायरस ने ग्रुप के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 5 पन्नों की चिट्ठी भेजी है, जिसमें रतन टाटा को भी निशाना बनाया है।
इस चिट्ठी में सबसे बड़ा आरोप टाटा की कार नैनो को लेकर है। सायरस के मुताबिक नैनो टाटा ग्रुप के लिए घाटे का सौदा बन चुकी थी, जिसे सिर्फ भावनात्मक कारणों से बंद नहीं किया गया जबकि इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए।
लोगों को लखटकिया कार का सपना दिखाने वाले रतन टाटा ने 2009 में खुद नैनो कार को लांच किया था। लेकिन 7 साल बाद इसी कार को लेकर रतन टाटा पर सवाल उठ रहे हैं।
सायरस ने लगाए ये आरोप:
- नैनो कार की वजह से ग्रुप का नुकसान करीब 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।
- नैनो की लागत 1 लाख रुपए से ज्यादा हो चुकी थी।
- उन्होंने नैनो को बंद करने की सिफारिश की थी।
- भावनात्मक कारणों की वजह से नैनो को बंद नहीं किया गया।
- टाटा ग्रुप को 1800 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।
- मुझे कभी भी ग्रुप को चलाने की पूरी आजादी नहीं दी गई।
चिट्ठी में सायरस ने एयर एशिया के साथ साझेदारी पर भी आपत्ति जताई और इस सौदे में करीब 22 करोड़ रुपए के गलत लेन देन का आरोप लगाया। ग्रुप पर बढ़ते कर्ज पर सफाई देते हुए मिस्त्री ने लिखा कि कर्ज की समस्या उन्हें विरासत में मिली थी।
सायरस के आरोपों पर अभी तक टाटा ग्रुप की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। हालांकि एकतरफा कानूनी कार्रवाई से बचने के लिये टाटा समूह ने पहले ही सुप्रीम कोर्ट समेत अलग-अलग अदालतों में कैवियट दाखिल कर दिया है।