कर्क-मकर रेखा के बीच बसे 121 देश एकजुट, 12 साल में बनाएंगे 65 लाख करोड़ की बिजली

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नई दिल्ली: भारत और फ्रांस ने मिलकर दो साल पहले अक्टूबर 2015 में इंटरनेशनल सोलर अलायंस(आईएसए) का गठन किया था। रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को आईएसए के पहले सम्मेलन का उद्धाटन किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समिट में फ्रांस, श्रीलंका, बांग्लादेश समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री समेत 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इस समिट को दुनिया के सोलर ऊर्जा सेक्टर में भारत और फ्रांस की बड़ी पहल माना जा रहा है। आईएसए दुनिया के सबसे बड़े गठबंधनों में से एक बन गया है। दो साल के अंदर इसमें 61 देश जुड़ चुके हैं। 26 देश इसके समझौतों पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि फ्रांस 2022 तक आईएसए को 5600 करोड़ रुपए का फंड देगा। इसके जरिए 2030 तक 1000 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। इस बिजली की कुल कीमत करीब 65 लाख करोड़ रु. होगी। इस तरह फ्रांस इस अलायंस को कुल 8000 करोड़ रु. देगा। उसने इसके गठन के वक्त भी 2400 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। मैक्रों ने कहा कि 2015 में अमेरिका ने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद हमने इस अलायंस का गठन किया, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी की जिंदगी अच्छी हो सके।

भारत 4 साल में 100 गीगावाट बिजली बनाएगा
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 2022 तक रिन्यूएबल एनर्जी के स्रोतों से 175 गीगावाट बिजली पैदा करने लगेगा। वहीं, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा पैदा की जाने लगेगी। भारत ने पिछले 3 साल में देश में 28 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे हैं। इससे 2 बिलियन डॉलर और 4 गीगावाट बिजली की बचत हुई है। भारत अभी करीब 20 गीगावाट सोलर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। देश में कुल 58.30 गीगावाट रिन्यूएबल ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह कुल उत्पादन का 18.5% है।

दुनिया: हर साल ऊर्जा पर 455 लाख करोड़ का खर्च
दुनिया के देश हर साल ऊर्जा जरूरतों पर करीब 455 लाख करोड़ रुपए खर्च करते हैं। यह दुनिया की कुल जीडीपी का करीब 10% है। 10 साल में यूरेनियम का उत्पादन 40% बढ़ा है। दुनिया में करीब 65 न्यूक्लियर प्लांट निर्माणाधीन हैं। आईएसए का मकसद दुनिया के गरीब देशों को कम लागत में सोलर ऊर्जा से बिजली बनाने की तकनीक उपलब्ध कराना है।

भारत: दुनिया के टॉप 6 में से 3 बड़े सोलर प्रोजेक्ट यहां
पेरिस समझौते के तहत भारत ने 2030 तक 40% बिजली का उत्पादन गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों से करने का लक्ष्य तय किया है। दुनिया के 6 सबसे बड़े सोलर प्रोजेक्टों में से 3 भारत में हैं। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सोलर पार्क आंध्रप्रदेश के कुरनूल में है। भारत आईएसए के सदस्य देशों को 500 ट्रेनिंग स्लॉट देगा। सोलर टेक मिशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट में सहायक होगा।

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