18 साल की तलाकशुदा लड़की ने लगाई पीएम मोदी से गुहार- लागू हो यूनिफॉर्म सिविल कोड

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तीन बार तलाक के मुद्दे की जंग लड़ रही एक 18 साल की मुस्लिम लड़की ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। उसका कहना है कि इस प्रथा ने मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी को बर्बाद कर दिया है।

ये है पूरा मामला-
16 साल की उम्र में अर्शिया का निकाह सब्जियों का व्यापार करने वाले एक अमीर शख्स से हुआ था। लेकिन शादी के दो साल बाद ही उसके पति मोहम्मद काजिम बगवान ने ट्रिपल तलाक देकर उससे अपना रिश्ता तोड़ लिया। अब वो अर्शिया को फिर से अपनी जिंदगी में वापस लाने का तैयार नहीं है। उसका कहना है कि अब उसके दिल में अर्शिया के लिए कोई जगह नहीं। इतना ही नहीं, काजिम ने अर्शिया को आठ महीने के अपने बच्चे के साथ घर छोड़ने के लिए कह दिया।

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इस परंपरा को रोकें पीएम मोदी
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए अर्शिया ने कहा, ‘मैं पीएम मोदी से मुझ जैसी महिलाओं की मदद करने और ट्रिपल तलाक की परंपरा को रोकने की गुहार लगाती हूं, जिसने न जाने कितनी औरतों की जिंदगी बर्बाद कर दी।’

ट्रिपल तलाक को दी चुनौती
अर्शिया ने ट्रिपल तलाक को अपनी किस्मत मानने से इनकार कर दिया और तय कर लिया कि वो इस फैमिली कोर्ट में चुनौती देगी। अर्शिया ने बताया कि उससे वादा किया गया था कि वो शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रख सकती है लेकिन बाद में ससुरालवाले वादे से मुकर गए। शादी से पहले वो 11वीं कर चुकी थी और अब वो आगे की पढ़ाई शुरू करेगी और अपने पैरों पर खड़ी होगी।

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सुप्रीम कोर्ट में चल रही है बहस
आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अब भी ट्रिपल तलाक के सपोर्ट में है लेकिन सरकार ने अपने जवाब में साफ कह दिया है कि संविधान में इसकी कोई जगह नहीं है।

पुणे की संस्था कर रही लीगल हेल्प
– मुस्लिम महिलाओं के हितों के लिए काम करने वाली पुणे की संस्था ‘मुस्लिम सत्‍य शोधक मंडल’ अर्शिया को लीगल हेल्प मुहैया करवा रही है।
– संस्था के अध्यक्ष शम्सुद्दीन तंबोली का कहना है कि, “अर्शिया के साथ बहुत गलत हुआ है। हम उसे न्याय दिलाने के लिए हर कानूनी हेल्प को तैयार हैं।”
– “उनकी उम्र बहुत कम है और उनके सामने पूरी जिंदगी पड़ी हुई है। हम धार्मिक गुरुओं से भी इस मामले में राय ले रह हैं।”