अब अय्याशी के अड्डे बने मदरसे, देर रात पुलिस ने छुड़वाई 51 लड़कियां, देखिए तस्वीरें

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में शहादतगंज में पुलिस के संयुक्त टीम ने एक मदरसे में छापा मारकर 51 लड़कियों को छुड़ाया। पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उस वक्त वहां 51 लड़कियां मौजूद थीं। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात में छात्राओं से यौन शोषण काफी समय से चल रहा था। हालांकि आरोपित तैयब जिया के खौफ से लड़कियां किसी से कुछ बोल नहीं पा रही थीं। ऐसा कहना पुलिस का।

दरअसल, पुलिस को कल मदरसे के बाहर कई पत्र मिले जिनमें लिखा था आरोपी तैयब जिया रात में अपने कमरे में लड़कियों को बुलाता है। जानकारी ये भी मिली कि ये सभी पत्र मदरसे की छत से फेंके गए है। इसके बाद देर रात पुलिस की एक टीम ने मदरसे में छापा मारा और लगभग 51 लड़कियों को आजाद करवाया।

एएसपी पश्चिम विकास चंद त्रिपाठी के मुताबिक, करीब 12 वर्ष पूर्व मदरसे का संचालन शुरू हुआ था। खुद को संरक्षक बताने वाले सैयद अशरफ जिलानी का दावा है कि उन्होंने जमीन खरीदकर मदरसा शुरू कराया था और देखरेख के लिए सैयद जिया को रखा था। कुछ दिनों से सैयद अशरफ जिलानी को मदरसे में यौन शोषण की शिकायत मिल रही थी, जिसकी पड़ताल करने वह गुरुवार को वहां गए थे।

मदरसा

मदरसे मालिक पर लगाए गलत आरोप-

सैयद अशरफ जिलानी का कहना है कि पूर्व में मदरसे का नाम असरफिया मिनाईया था, जहां केवल छात्र पढ़ते थे। हालांकि कुछ समय बाद ही आरोपित ने वहां सिर्फ छात्राओं को पढ़ाने की बात कही और मदरसे का नाम भी बदल दिया। आरोप है कि गुरुवार को जब वह मदरसे में यौन शोषण की पुष्टि करने आए और आरोपित से पूछताछ की तो वह भड़क गया। आरोपित ने पुलिस को फोन कर बुला लिया और उन पर बंधक बनाने और अगवा करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दे दी।
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क्यों चुप थी लड़कियां अबतक-
सैयद अशरफ जिलानी का कहना है जब उन्हें इस मामले के बारें में पता चला तो उन्होंने लड़कियों से बात की जहां उन्होंने बताया कि तैयब जिया उन्हें धमकियां दिया करता था जिस डर की वजह से वह कभी नहीं बोली और इसबार चिट्ठिया लिखकर मदरसे के बाहर फैंकी और आजादी की मांग की।

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मुक्त कराई गईं सभी छात्राएं 

एसएसपी का कहना है कि मदरसे में कक्षा एक से 12वीं तक की छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती थीं। इनमें अधिकांश छात्राएं नाबालिग हैं। छापेमारी के दौरान बरामद की गई 51 छात्राओं को वहां से मुक्त करा लिया गया है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों की मदद से पुलिस ने सभी को बाल संरक्षण गृह में रखा है। पुलिस का कहना है कि छात्राओं के परिवारजनों को मामले की सूचना दे दी गई है।

दर्ज हुआ पीडि़त छात्राओं का बयान

महिला पुलिस, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की महिला सदस्यों और मजिस्ट्रेट के समक्ष छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं। छात्राओं ने बयान में बंधक बनाने, मारपीट एवं कमरे में बुलाकर छेड़छाड़ करने समेत अन्य बातें कही हैं। पुलिस ने इसके आधार पर आरोपित सैयद जिया के खिलाफ विभिन्न धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। सैयद अशरफ जिलानी का आरोप है कि आरोपित मदरसे की जमीन को हड़पने की फिराक में था और उसने फर्जी कागजात भी तैयार कर लिए थे।

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गौरतलब है कि कई दिनों से यौन शोषण के मामले काफी चर्चा में बने हुए है। इससे पहले दिल्ली के अध्यात्मिक विश्वविद्लाय से लगभग 60 लड़कियों को आजाद करवाया गया था और अब ये मदरसे की घटना। ऐसा लगता है जैसे देश में धर्म और शिक्षा अय्याशी के अड्डों में तब्दील हो रही है और सुनवाई और जांच करने वाला कोई नहीं। ऐसा नहीं कि बाबाओं के अड्डों, मदरसो या अन्य जगहों की जानकारी पुलिस को पहले नहीं मिलती है लेकिन जरा सी लापरवाही कितने बड़े अपराध को जनम् दे रही है।

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