हद है…12 दिन में हुई 305 मौतें और बस लड्डू खाकर मान गए अध्यक्ष

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जयपुर: सेवारत चिकित्सकों और रेजीडेंट्स की 12 दिन से चल रही हड़ताल बुधवार रात समाप्त हो गई। प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों और डॉक्टरों के बीच झालाना के परिवार कल्याण संस्थान में सुबह 11:30 से रात 8:30 बजे तक 8 दौर की मैराथन बैठक चली। इसमें चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, परिवहन मंत्री युनूस खान, सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक और चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया शामिल रहे।

बैठक में सेवारत चिकित्सकों की 23 और रेजीडेंट्स की 7 मांगों सहित कुल 30 मांगों पर सहमति बन गई। फिर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने हड़ताल समाप्त होने की घोषणा की। इससे पहले सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी का तबादला करौली से निरस्त कर उन्हें सीकर सीएमएचओ के पद पर लगाया गया। हालांकि, 11 अन्य डॉक्टरों के तबादलों पर कोई फैसला होना बाकी है।

पूर्व चिकित्सा मंत्री बोले- 
जब समझौता ही होना था तो लोगों को मरने क्यों दिया गया? मैं स्पीकर से मिलकर विधायकी से इस्तीफा दूंगा
सरकार डॉक्टरों के बीच हुए समझौते को लेकर पूर्व चिकित्सा मंत्री और नवलगढ़ के विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि अगर सरकार और डॉक्टरों के बीच यही समझौता होना था तो इतने दिनों तक अस्पतालों में मरीजों को क्यों मरने दिया? मैं आहत हूं, इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? ये समझौता क्यों किया गया? अब ये डॉक्टर और नेता किस बात की मिठाई खा रहे हैं? मुझे इस राजनीति में नहीं रहना, मैं स्पीकर से मिलकर विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा।

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सेवारत चिकित्सकों की 23 मांगें मानीं-

  • सरकार ने अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच की पूर्व समझौतों में अटकी डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति के एरियर) के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया।
  • अगस्त से दिसंबर तक डॉक्टरों द्वारा लिए गए सामूहिक अवकाश (हड़ताल) को पीएल में समायोजित जाने पर सहमति बनी।
  • 12 नवंबर को हुए समझौते को अक्षरशः लागू किया जाएगा।
  • डॉक्टरों के खिलाफ रेस्मा या अन्य स्तर पर की गई कार्रवाई के मामले सरकार वापस लेगी।
  • स्वास्थ्य निदेशालय में एडिशनल डायरेक्टर (राजपत्रित ) के पद पर चिकित्सा अधिकारी को ही लगाया जाएगा। गिरीश पाराशर को एडिशनल डायरेक्टर प्रशासन के पद पर लगाया गया है, उनको चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से तबादला करने के डीओपी से आदेश जारी करवाए जाएंगे।
  • एडिशनल डायरेक्टर प्रशासन का पद पूर्व की तरह रिक्त रखा जाएगा। सरकार ने घोषणा की कि रेजीडेंट्स की मांगें उनके एजेंडे में नहीं थी, फिर भी मान ली गई है।
  • एकल पारी पर फैसला मुख्यमंत्री करेंगी।गौरतलब है कि 12 दिनों की हड़ताल में प्रदेशभर में 305 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
    सरकार और डॉक्टरों में समझौता होने के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने सेवारत डॉक्टर संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय चौधरी अन्य डॉक्टरों काे लड्डू खिलाया।

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