मैं, मेरी दादी, मेरा परिवार शिवभक्त, हमें सर्टिफिकेट नहीं चाहिए

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अहमदाबाद: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने धर्म को लेकर छिड़ी बहस पर पलटवार किया। बोले- मैं, मेरी दादी और मेरा परिवार शिवभक्त हैं। हम इस बारे में बोलते नहीं हैं, क्योंकि हमें लगता है कि हमारा जो धर्म है, वह हमारी बात है। हमें किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हम इसका व्यापार और दलाली नहीं करना चाहते हैं अौर ही राजनीतिक उपयोग। सोमनाथ मंदिर में अपने दर्शन के विवाद पर राहुल ने कहा कि मैं मंदिर में गया था। मैंने विजिटर बुक में हस्ताक्षर किए। भाजपा के लोगों ने दूसरी बुक में मेरा नाम लिख दिया। मैं गैर हिंदू रजिस्टर में हस्ताक्षर करूंगा। झूठ फैलाने की उन्हें आदत हैं।

सरदार-नेहरूअच्छे मित्र थे:

सरदार पटेल की उपेक्षा के आरोपों पर भी राहुल ने पहली बार जवाब दिया। बोले- सरदार पटेल और नेहरूजी अच्छे मित्र थे। उनमें पॉलिटिकल डिफरेंस जरूर थे। वे साथ जेल भी गए, लेकिन यहां ऐसा झूठ फैलाया जाता है मानो दोनों दुश्मन थे। सच में तो सरदार पटेल आरएसएस विरोधी थे। अमरेली में एक जनसभा में राहुल ने कहा कि यदि हमारी राज्य में सरकार बनी तो हम चुनाव जीतने के दस दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देंगे।

पीएम नरेंद्र मोदी असली हिंदू नहीं हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना कितनी बार मंदिर जाते हैं? मंदिर का आदर तो वह व्यक्ति करता है जो हिंदू धर्म का आदर करता है।’ कपिल सिब्बल ने आगे कहा, ‘आप (प्रधानमंत्री) तो हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं। आपने तो हिंदुत्व को अपनाया है, जिसका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं हैं।’ उनके मुताबिक असली हिंदू वह है जो भारत के सभी लोगों को अपना माने और उन्हें बुरा लगने वाली कोई बात न कहे। कपिल सिब्बल का यह भी कहना था कि असली हिंदू हिंसा का तुरंत विरोध करता है, तीन महीने के बाद नहीं।

किसके पाले में होंगे आदिवासी वोटर्स-

गुजरात में आदिवासी वोटर्स किसी भी पार्टी की सरकार बनने में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। राज्य में करीब 15% आदिवासी वोटर्स हैं। इनके लिए 26 सीटें रिजर्व हैं। हालांकि इन पर कभी भी किसी पार्टी का एकतरफा दबदबा नहीं है। वे राज्य की 182 में से 35-40 सीटों पर असर डालते हैं।

– पहले फेज में दक्षिण गुजरात में वोटिंग होनी है। इसी इलाके में सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी है। 26 रिजर्व सीटों में से 17 सीटें यहीं से आती हैं। अभी 8 सीटों पर कांग्रेस और 7 पर भाजपा का कब्जा है।
– वलसाड, नवसारी, डांग और भरूच आदिवासी बहुल जिले हैं। इन इलाकों में संघ पिछले कुछ सालों से काम कर रहा है। भाजपा भी वोटर्स जोड़ रही है।
– 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की तीनों आदिासी सीटों पर कब्जा कर लिया था।
– राम मंदिर आंदोलन के बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा 14 सीटें मिलीं। कांग्रेस के खाते में 8 सीट आई थीं।
– कांग्रेस पिछले 6 विधानसभा चुनावों में 4 बार रिजर्व सीटों पर भाजपा से आगे रही।
– कांगेस इस बार आदिवासी नेता छोटू वसावा की पार्टी बीपीटी के साथ गठजोड़ किया है। समझौते में कांग्रेस ने बीपीटी को 4 सीटें दी हैं।

बस 9 दिन शेष-
गुजरात में पहले फेज की वोटिंग को 9 दिन रह गए हैं। राहुल गांधी ने गुजरात में लगातार दूसरे दिन दो जनसभाएं और एक रोड-शो किया। शाम को वह कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुखातिब हुए, यहां उन्होंने बुधवार को भाजपा और मोदी के हमलों का एक-एक कर जवाब दिए। सोमनाथ मंदिर की विजिटर बुक में साइन पर अपनी बात रखी। इससे पहले राहुल ने बोटाड में स्वामी नारायण मंदिर में पूजा की। वह दो महीने में 23वीं बार राज्य में किसी मंदिर में पहुंचे।

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