10 महीने में 190 आतंकी मारे गए, कश्मीर में 10 साल में सबसे ज्यादा

0
402

श्रीनगर: कश्मीर में भारतीय सेना का मिशन ऑल आउट कामयाबी की ओर है। शनिवार को सेना ने कश्मीर घाटी में 6 आतंकवादियों को मार गिराया था। पिछले 10 साल में इस साल सबसे ज्यादा आतंकवादी कश्मीर में मारे गए हैं। सेना के मुताबिक इस साल अब तक कुल 190 आतंकी ढेर किए गए हैं। 15 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने संयुक्त रूप से बताया कि मारे गए 190 आतंकियों में से 80 स्थानीय दहशतगर्द हैं, जबकि 110 विदेशी हैं। जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी हैं। 66 आतंकियों को सेना ने इस साल एलओसी पर घुसपैठ के दौरान मार गिराया है।

सुरक्षा बलों के ऑपरेशन ऑल आउट का मकसद जम्मू-कश्मीर को हिंसा और आतंकवाद से मुक्त करना और शांति बहाल करना है। सेना राज्य में दहशतगर्दी का रास्ता पकड़ चुके युवाओं से आतंक का रास्ता छोड़ने की अपील भी कर रही है। इसके लिए उनके परिवार वालों को प्रेरित किया जा रहा है। सुरक्षा बलों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जो युवा आतंकी संगठनों में शामिल हैं, वे वापस आने के लिए आजाद हैं। उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा।

नोटबंदी और एनआईए छापों से 90% तक पत्थरबाजी कम हुई 
जम्मू-कश्मीरके डीजीपी एसपी वैद ने हाल ही में बताया था कि इस साल कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में 90% की कमी आई है। उन्होंने इस सुधार के लिए कश्मीर की जनता को श्रेय दिया था, साथ ही पत्थरबाजी में कमी लाने में एनआईए के छाे के अलावा नोटबंदी और आतंकी कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई ने भी मदद की है। पिछले साल 1 दिन में 40-50 ऐसी घटनाएं होना आम था, लेकिन अब इन घटनाओं में 90% की कमी आई है।

अाखिरी फेज में है सेना का ऑपरेशन ऑलआउट 
कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट के तहत सेना अब दक्षिण कश्मीर में आतंकियों के अंतिम गढ़ को ध्वस्त करने में जुटी है। यहां शोपियां जिला आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। यहां आतंकियों की गतिविधियां खुलेआम देखी जा सकती हैं। सेना यहां नए कैंप स्थापित कर रही है। सीआरपीएफ बटालियन भी तैनात की गई है। कश्मीर घाटी में भारतीय सेना ऑपरेशन ऑल-आउट चला रही है।

encounterkashmir

इस ऑपरेशन में इस साल करीब 190 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं। मारे गए आतंकियों में से 80 स्थानीय दहशतगर्द हैं, जबकि 110 विदेशी हैं। जिनमें से ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक हैं। इस ऑपरेशन को सेना ने इस साल जनवरी में शुरू किया था। पिछले 10 साल में इस साल सबसे ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। सेना का यह मिशन अब पूरा होने वाला है।

अभी 68 आतंकी बाकी हैं 
सेनाने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत घाटी में 258 आतंकियों को शार्ट लिस्ट किया है। जिनमें से 190 मारे जा चुके हैं। 68 बाकी हैं। इनमें 130 लोकल और 128 विदेशी हैं। 136 लश्कर, 95 हिज्बुल और 23 जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े आतंकी हैं।

तीन साल बाद वार्ताकार 
जम्मू-कश्मीरमें हालात सुधारने के लिए सरकार ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार बनाया है। दिनेश्वर राज्य में अलगावादी गुटों से बात करेंगे। मोदी सरकार ने पहली बार वार्ताकार बनाया है।

घाटी में बदलाव रहा है, युवा पत्थरबाजी नहीं खेल में दिलचस्पी ले रहे 
अभीघाटी के माहौल में बहुत तब्दीली आई है। युवा भी बदलाव देख रहे हैं। कल तक पत्थरबाजी करने वाले युवा अब खेलों में दिलचस्पी ले रहे हैं। जो युवा गुमराह होकर रास्ता भटक गए हैं। उन्हें वापस लाने की कोशिश की जा रही है। जो सरेंडर कर रहे हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गृह मंत्रालय ने भी कहा है कि ऐसे युवाओं को जेल से सुधार गृह में भेजा जा जाए। एेसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि युवाओं को भी लगे कि सेना उनकी मदद कर रही है।

सिविक एक्टिविटीज बढ़ाई जा रही हैं। स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंडर-14, अंडर-19 टूर्नामेंट कराए जा रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में युवा जुड़ रहे हैं। स्कूलों में भी खेल-कूद के सामान पहुंचाए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी मदद कर रही है। अभी एक लड़का वापस आया है, ऐसे और लड़कों के परिवार वालों से भी बोला गया है कि वे बच्चों को घर लौटने के लिए कहें, क्योंकि आज नहीं तो कल वे एन्काउंटर में मारे जाएंगे। एनआईए के छापों से भी असर पड़ा है। यह सुरक्षा बलों में बेहतर कॉर्डिनेशन से संभव हुआ है। घाटी में बर्फबारी की वजह से भी पीओके से घुसपैठ कम हो जाती है।

ये भी पढ़ें:

रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क कीजिए

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी करें)