DUSU चुनाव: ABVP को बड़ा झटका, अध्यक्ष पद पर NSUI का कब्जा

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नई दिल्ली: डूसू चुनाव की तीन सीटों पर नतीजे घोषित हो गए हैं। 2014 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब तीन सीटें NSUI के झोली में आई है। फर्स्टपोस्ट की खबरों के अनुसार, प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट पद पर NSUI प्रत्याशी जीत गए हैं। जबकि सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर ABVP ने जीत हासिल की है। प्रेसिडेंट के लिए NSUI ने रॉकी तुसीद के अपना उम्मीदवार बनाया था। मतदान के लिए करीब 126 EVM मशीन का इस्तेमाल हुआ था।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी में करीब 43 प्रतिशत मतदान हुआ था। पिछले साल हुए चुनावों में 36 प्रतिशत मतदान हुआ था। कैंपस से दूर कॉलेज में मतदान कम हुआ है। 51 कॉलेज के छात्रों द्वारा मतदान से डूसू पैनल का चुनाव होगा।

NSUI ने डीयू के बजट की जानकारी के लिए एक आरटीआई दाखिल की थी। डूसू अथॉरिटी ने आरटीआई के जवाब में बताया था कि 26,20,000 में से 21,78,000 रुपए खर्च सिर्फ चाय, फोटोस्टेट, रिपेयर और अन्य चीजों पर किया गया था।

पिछले साल ABVP ने तीन पद जबकि NSUI ने संयुक्त सचिव का पद जीता था. इसी जीत के साथ NSUI ने डूसू में तीन साल के बाद वापसी की थी। 2014 में 18 साल बाद ABVP ने चारों सीटें जीत ली थीं। इससे पहले 1996 में ABVP ने ऐसी ही हासिल की थी। करीब दो दशक बाद ABVP ने जीत हासिल कर NSUI के शासन का अंत किया था। इसके बाद 2015 में भी ABVP ने चारों सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार भी ABVP की नजर डूसू की चारों सीटों पर है।

इन चुनावों में सबसे ज्यादा अहम मुद्दा पूर्वोत्तर के छात्रों का रहा। करीब 25,000 पूर्वोत्तर के छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। जबकि इसमें से सिर्फ 5,000 छात्र ही वोट करते हैं। यह आंकड़े पूर्वोत्तर छात्रों के संगठन ने दिए हैं। इस संगठन का नाम नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट सोसाइटी (NESSDU) है।

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