जापान के पीएम का भारत दौरा, सिर्फ बुलेट ट्रेन तक सीमित नहीं है यात्रा

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गुजरात: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे आज भारत में होंगे। दो दिन की यात्रा के दौरान वे गुजरात में ही रहेंगे। यहां उनके स्वागत में अहमदाबाद और गांधीनगर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। वे गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भारत की पहली बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखेेंगे। इसके बाद दोनों नेता 1वें भारत-जापान सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान रक्षा, समुद्री सुरक्षा समेत कई बड़े समझौते होने की उम्मीद है। देश में पहली बार द्विपक्षीय वार्ता दिल्ली के बाहर हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वह प्रधानमंत्री शिंजो आबे का स्वागत करने को उत्सुक हैं। यह दोनों नेताओं की चौथी सालाना बैठक होगी। वो विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर आशान्वित हैं। दोनों प्रधानमंत्री साबरमती आश्रम जाएंगे। 8 किमी लंबे रोड शो में हिस्सा लेंगे।

आबे की यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों के चलते उत्तर-पूर्व एशिया में परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में इस यात्रा का कूटनीतिक महत्व है। दरअसल चीन, दक्षिण चीन सागर में विस्तारवादी नीति अपना रहा है। जापान के रणनीतिकारों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के ढुलमुल रवैये को देखते हुए चीन से संघर्ष छिड़ने की सूरत में अमेरिका को भरोसेमंद नहीं माना जा सकता।

दूसरी तरफ डोकलाम विवाद पर भारत, भूटान जैसे छोटे देश के लिए चीन के खिलाफ डटकर खड़ा रहा। जापान ने भी भारत का खुलकर समर्थन किया। इससे दुनियाभर में संदेश गया है कि एशिया में भारत और जापान चीन के विस्तारवादी नीति के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। इसके अलावा चीन के वन रोड वन बेल्ट के जवाब में भारत-जापान ने एशिया-अफ्रीकी बेल्ट का विजन दिया है। इसको लेकर इस यात्रा में कई बड़े समझौते होने की उम्मीद है।

समझौते: इंडस्ट्रियल पार्क बनाएगा जापान 
गुजरातके हंसलपुर में 3,000 करोड़ का सुजुकी कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनेगा। इसके अलावा साणंद और मंडल में इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण पर एमओयू होगा। जापान-इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैन्यूफैक्चरिंग बनाने के लिए भी एमओयू होगा। इसके अलावा इंडस्ट्रियल पार्क और लीथियम आयन बैटरी प्लांट के प्रोजेक्ट को लांच कर सकते हैं।

सामरिक:सी प्लेन के सौदे को मिलेगी मंजूरी 

भारत-जापानके बीच मैरिटाइम सिक्युरिटी डील हो सकती है। नेवी के लिए यूएस-2 सी-प्लेन की डील आगे बढ़ सकती है। इस प्लेन को अंडमान और निकोबार द्वीप में तैनात किया जा सकता है। जापान ने 1967 में हथियारों के निर्यात पर बैन लगाया था। 2014 में हटा लिया। तब सबसे पहले भारत ने रक्षा समझौते किए थे।

आर्थिक: देश में जापानी निवेश 80% तक बढ़ा 
जापानने मेक इन इंडिया के तहत कई मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु और राजस्थान में शुुरू किए हैं। 2016-17 में भारत में जापानी निवेश 80% बढ़कर 4.7 बिलियन डॉलर में पहुंच गया है। 2015-16 में यह निवेश 2 बिलियन डॉलर था।

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