पंपोर में तीसरे दिन भी जारी है आतंकवादियों से मुठभेड़

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श्रीनगर: 48 घंटों से जारी पंपोर की एक सरकारी इमारत में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी है। खबर है कि इमारत में तीन आतंकवादियों में से एक मारा जा चुका है। आपको बता दें कश्मीरी युवाओं को वोकेशनल ट्रेनिंग देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली इस इमारत में छिपकर बैठे आतंकियों को बाहर निकालने या मार गिराने की कोशिश में सुरक्षाबलों ने अब तक 50 से ज़्यादा रॉकेट, मशीनगनों तथा अन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया है।

सोमवार को शुरुआती गोलीबारी में सेना का एक जवान ज़ख्मी हो गया था। तभी से सेना ने 9 पैरा यूनिट की स्पेशल फोर्स को भी ऑपरेशन के लिए तैनात कर रखा है। इसी यूनिट के कमांडो ने ही पिछले माह पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया था।

अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ इतने लंबे वक्त तक इसलिए खिंच गई है, क्योंकि इस इमारत में आतंकवादियों को छिपने के लिए ‘बंकर’ जैसी सुरक्षा मिल रही है। यह भी लगता है कि उनके पास काफी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद है, और उनके इरादे यहीं टिके रहने और मुठभेड़ को लंबा खींचने के लगते हैं। इमारत को कई बार आग लग जाने के बावजूद आतंकवादी बाहर नहीं आए हैं।

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों के कब्ज़े में कोई बंधक नहीं हैं, क्योंकि राज्य में आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से व्याप्त तनाव के माहौल की वजह से इमारत में पिछले तीन महीने से कोई क्लास नहीं लगाई जा रही थी।

 इस रास्ते से घुसे आतंकी-
केसर की खेती के लिए मशहूर पाम्पोर में सोमवार को सुबह 6:30 बजे आतंकवादी इस इमारत में घुसे थे। इसी इंस्टीट्यूट में फरवरी में भी बड़ा हमला हुआ था, और उस हमले में ढेर कर दिए गए तीन आतंकवादियों के अलावा पांच सैनिक शहीद हुए थे, और एक नागरिक भी मारा गया था।

सूत्रों ने बताया था कि सोमवार सुबह इमारत में घुसे आतंकवादी झेलम नदी में नाव के ज़रिये कश्मीर में घुसने में कामयाब हुए थे। पुलिस के मुताबिक, इसके बाद आतंकवादियों ने उद्यमी विकास संस्थान (ईडीआई) होस्टल की इमारत के कुछ हिस्सों को आग लगा दी, ताकि सुरक्षाबलों का ध्यान इस ओर जाए। जैसे ही सुरक्षाबल वहां पहुंचे, भारी मुठभेड़ शुरू हो गई।

खुफिया एजेंसियों ने चेताया था कि दो हफ्ते पहले भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार पाक अधिकृत कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के लिए आतंकवादी हमले किए जा सकते हैं।