Photos: कभी यहां खूब होती थी वेश्वावृत्ति, अब बन गए नरभक्षी

0
1270

दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में कई जनजातियां मौजूद हैं, और साथ में उनके कई रहस्यमयी किस्से भी जिनपर आसानी से यकीन कर पाना आसान नहीं। ऐसी ही एक रहस्यमय जनजाति इंडोनेशिया के पापुआ प्रांत के घने जंगल में पेड़ों पर घर बनाकर रहने वाली कोरोवाई है। इस जनजाति को नरभक्षी भी कहा जाता है। आज के समय में कुल तीन हजार कोरोवाई लोगों के होने का आंकड़ा मौजूद है।

पहली बार एक डच मिशनरी ने इस जनजाति की खोज 1974 में की थी, इससे पहले इनके बारे में कोई नहीं जानता था। यहां के लोगों को पता भी नहीं था कि उनके जंगल से बाहर भी और लोग रहते हैं। इसके बाद यहां पर लोगों का आना-जाना बढ़ता चला गया,
275132
जिसकी वजह से 90 के दशक में यहां वेश्यावृत्ति भी बढ़ने लगी। महिलाओं को जबरदस्ती खाना या किसी तरह की मूल्यवान चीज एक बदले टूरिस्ट के साथ सोने पर मजबूर किया जाता था। हालांकि, सरकार की पहल के बाद 1999 में ये सबकुछ बंद हो गया। आज भी यहां महिलाएं मात्र बच्चे पैदा करने और घर में खाना बनाने के लिए ही रखी जाती हैं।
275130
नहीं है बाहरी दुनिया से कोई संपर्क
लोगों के आने जाने के बावजूद भी इस जनजाति से जुड़े लोगों का बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं है। ये लोग जमीन से 6 से 12 मीटर ऊंचाई पर पेड़ों पर बने घरों में रहते हैं, ताकि इन पर कोई आक्रमण न कर सके और ये लोग बुरी आत्माओं से भी बचे रहें। इस जनजाति के लोग जीवनयापन करने के लिए शिकार करते हैं। इनका निशाना बहुत बेहतर होता है। ये मछली पकड़ने में महारत हासिल किए होते हैं।
275137
बता दें कि कोरोवाई जनजाति जिस क्षेत्र में निवास करती है, वो अराफुरा सागर से तकरीबन 150 किमी की दूरी पर स्थित है। इन लोगों पर कई डॉक्युमेंट्री भी बनाई गई है। ऐसा कहा जाता है कि इस जनजाति के लोग अंधविश्वास को बहुत मानते हैं, जिसकी वजह इंसानों को भी खा जाते हैं। हालांकि, अब ऐसा कहा जाने लगा है कि एरिया में टूरिस्ट के आने के बाद अब इंसानी मांस खाने की प्रथा बंद हो चुकी है।
ये भी पढ़ें:

अपनी रूचि के अनुसार खबरें पढ़ने के लिए यहां किल्क करें

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुकट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी कर सकते हैं)